सावन माह की शिवरात्रि नजदीक आने के साथ ही राजधानी शिवमय होनी शुरू हो गई है। चारों ओर बम-बम, जय बम भोले जयघोष सुनाई देने लग गए है। इन जयघोष के साथ हरिद्वार व गंगोत्री ने पैदल कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु राजधानी में प्रवेश कर रहे है। अभी कांवड़ में गंगाजल लेकर राजस्थान व हरियाणा जाने वाले कांवड़ियों का राजधानी में जमावड़ा लगा है। उनकी सेवा के लिए दिल्ली सरकार के अलावा शिवभक्तों ने जगह-जगह शिविर लगाए हैं। राजधानी के कांवड़ियों के आने का क्रम बुधवार से शुरू होगा।
गंगोत्री व हरिद्वार से कांवड़ लेकर आ रहे श्रद्धालुओं का राजधानी में पहुंचना शुरू हो गया है। वे पूर्वी दिल्ली व बाहरी दिल्ली की ओर से प्रवेश कर रहे है। इस कारण राजधानी की तमाम प्रमुख सड़कों पर कांवड़ियों की कतारें लगने लग गई है। कांवड़ियों की सेवा के लिए दिल्ली सरकार के अलावा राजधानी के शिवभक्त भी जुटे हैं। दिल्ली सरकार ने 200 शिविर लगाए है, वहीं शिव भक्तों ने राजधानी की सड़कों व मंदिरों को शिविरों से पाट दिया है।
शिविरों में खास तौर पर प्राथमिक चिकित्सा, बिजली, पानी, शौचालयों की सुविधा है। इसके अलावा उनके लिए खाने-पीने के लिए फल, मिठाई, दूध, सब्जी पूड़ी, ब्रेड पकोड़े आदि उपलब्ध हैं। आराम का भी इंतजाम है। कांवड़ियां उत्तर प्रदेश व हरियाणा की सीमा स्थित अप्सरा बॉर्डर, आनंद विहार, देहली गेट गाजीपुर, सिंघु बॉर्डर से राजधानी में प्रवेश कर रहे है।
डाक कांवड़ लाने के लिए श्रद्धालुओं के जत्थे जाने शुरू
राजधानी से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार से डाक कांवड़ लाने के लिए रवाना होने शुरू हो गए है। वह बारी-बारी से दौड़ते हुए कांवड़ में गंगा जल लेकर आए। इस दौरान वह अपने गांव व कालोनी में पहुंचने का समय तय करके कांवड़ लेकर चलेंगे। वह भी दो अगस्त को जलाभिषेक करेंगे। इस तरह वह दो अगस्त को सुबह पांच बजे के बाद अपने गांव व काॅलोनी में पहुंचने शुरू हो जाएंगे।
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