शिअद ने अनुभवी और सिख चेहरों पर खेला दांव

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने लोकसभा चुनाव के लिए दूसरी सूची में पुराने और सिख चेहरों पर दांव खेला है। पहली सूची में भी पांच सिख चेहरों को जगह मिली थी। पार्टी से दो हिंदू चेहरे भी मैदान में उतारे हैं। आप के बाद शिअद सबसे अधिक 12 सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने वाली पार्टी बन गई है। 

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दूसरी सूची जारी कर दी, लेकिन इसमें भी पार्टी ने पुराने व सिख चेहरों को ही चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया। पहली सूची में भी पार्टी ने पांच सिख चेहरों को जगह दी थी। केवल दो सीटों पर ही पार्टी ने हिंदू चेहरों को उम्मीदवारी दी थी, जिसमें अमृतसर से अनिल जोशी और पटियाला सीट से एनके शर्मा शामिल है। 

आम आदमी पार्टी के बाद शिअद ही अब तक सबसे अधिक 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित करने वाली पार्टी बन गई है, जबकि आप सभी 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार चुकी है। इसी तरह भाजपा नौ व कांग्रेस छह सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।

पार्टी के फिरोजपुर सीट से उम्मीदवार नरदेव सिंह बॉबी मान ही केवल नया चेहरा है, जो पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, उनका परिवार अकाली दल से जुड़ा रहा है। उनके पिता जोरा सिंह मान 1998 लोकसभा चुनाव में शिअद से लड़ते हुए इसी सीट से संसद में पहुंचे थे। उन्होंने सोहेलावाला गांव से एक सरपंच के तौर पर राजनीति की शुरुआत की थी। 

बॉबी मान के नाम से मशहूर नरदेव सिंह ने लोकसभा चुनावों के दौरान अबोहर और बल्लुआना क्षेत्रों में अपने पिता के लिए चुनाव कैंपेन के प्रभारी के रूप में काम किया था। अब पार्टी ने फिरोजपुर सीट से ही उन्हीं पर विश्वास जताया है। उनका मुकाबला इस सीट से आप उम्मीदवार जगदीप काका बराड़ से होगा। 

वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट पर सुखबीर बादल ने जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस उम्मीदवार शेर सिंह को मात दी थी। इसी तरह बठिंडा सीट से इस बार भी पार्टी ने हरसिमरत कौर बादल पर अपना भरोसा जताया है। बादल परिवार की बहु हरसिमरत इससे पहले तीन लोकसभा चुनाव में बठिंडा से ही जीत दर्ज कर चुकी हैं। वर्ष 2009 में उन्होंने बठिंडा से ही चुनाव लड़ते हुए संसद में प्रवेश किया था। 

अकाली दल की बठिंडा व फिरोजपुर दोनों सीट पर ही अच्छी पैठ रखता है। ये भी कारण है कि फिरोजपुर से बॉबी मान व बठिंडा से हरसिमरत को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। बठिंडा सीट पर हरसिमरत का मुकाबला भाजपा उम्मीदवार पूर्व आईएएस अधिकारी परमपाल कौर सिद्धू, कांग्रेस उम्मीदवार जीत मोहिंदर सिंह और आप उम्मीदवार गुरमीत सिंह खुड्डियां से होगा। 

खुड्डियां आप सरकार में कृषि मंत्री हैं। लुधियाना सीट से लोकसभा प्रत्याशी रणजीत सिंह ढिल्लों पार्टी के पुराने सिख चेहरा है। वह लुधियाना ईस्ट से ही 2012 से 2017 तक विधायक रह चुके हैं। इस सीट पर उनके सामने आप उम्मीदवार अशोक कुमार पप्पी और भाजपा उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू हैं।

जालंधर सीट से पार्टी उम्मीदवार मोहिंदर केपी सिंह भी एक बड़ा चेहरा है और वह सोमवार को ही कांग्रेस छोड़कर शिअद में शामिल हुए थे, जिसके साथ ही पार्टी की तरफ से उनको जालंधर से उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। वह 2009 में जालंधर सीट से ही सांसद चुने गए थे। साथ ही तीन बाद विधायक भी रह चुके हैं। वह पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 

1992 में खेल एवं युवा राज्य मंत्री व 1995 में शिक्षा एवं परिवहन मंत्री भी रहे। जालंधर से ही उनके सामने कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी व भाजपा उम्मीदवार सुशील कुमार रिंकू चुनाव मैदान में है। यही कारण है कि शिअद पहले से ही इस सीट से उनके जैसे चेहरे की तलाश में थी। 

होशियारपुर से उम्मीदवार सोहण सिंह ठंडल भी काफी समय से शिअद के साथ जुड़े रहे हैं। वह 2014 से 2017 तक जेल मंत्री भी रहे। उनका मुकाबला आप उम्मीदवार डॉ. राजकुमार चब्बेवाल व भाजपा उम्मीदवार अनिता सोम प्रकाश से होगा, जो केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश की पत्नी है।

खडूर साहिब पर अभी तक तस्वीर साफ नहीं
शिअद ने अपनी एक मात्र सीट खडूर साहिब से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। खडूर साहिब से वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में शिअद उम्मीदवार बीबी जगीर कौर को हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस उम्मीवार जसबीर सिंह डिंपा ने उनको मात दी थी। 

शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता परमिंदर सिंह ढींडसा को टिकट न मिलने के चलते शिअद को पार्टी के अंदर पहले ही विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। यही कारण है कि गत दिन ढींडसा के निवास पर बैठक करके कई वरिष्ठ अकाली नेताओं ने अपना रोष भी जाहिर किया था। यहां तक कि सुखबीर बादल भी इस दौरान ढींडसा को मनाने पहुंचे थे।

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