23 मार्च को होने वाले राज्यसभा के चुनाव में 16 राज्यों से 58 सीटें भरी जानी हैं। इनमें करीब ढ़ाई दर्जन सीटें भाजपा के खाते में आनी तय हैं। इसलिए भाजपा आलाकमान के पास मौका है कि वह अपने सभी वरिष्ठ नेताओं को राज्यसभा का मौका प्रदान करे। अमित शाह के 8 महासचिवों में से करीब 7 के राज्यसभा में एंट्री इस दफे तय मानी जा रही है। जबकि भूपेंद्र यादव पहले से ही राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य हैं। सूत्र बताते हैं कि महासचिवों में अरुण सिंह, अनिल जैन, राम माधव, मुरली धर राव, सरोज पांडे और कैलाश विजयवर्गीय को राज्यसभा उम्मीदवारी मिलनी तय है। तो बढ़ती उम्र की वजह से संगठन महामंत्री राम लाल को भी राज्यसभा भेजा जा सकता है।
हालांकि उनके मामले में फैसला 8 से 10 मार्च को नागपुर में होने वाली संघ के प्रतिनिधि सभा की बैठक में होगा। राज्यसभा के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 12 मार्च है। बताया जा रहा है कि यदि संघ नेतृत्व राम लाल की जगह कोई नया संगठन महामंत्री भाजपा में भेजने का निर्णय लेता है तो राम लाल को राज्यसभा में भेजने के साथ पार्टी उनके अनुभवों का लाभ संगठन के अन्य पदों पर लेती रहेगी। यही वजह है कि शाह के 8 महासचिवों में से 7 का राज्यसभा में जाना तय माना जा रहा है। जबकि एक महासचिव पहले से ही राज्यसभा के सदस्य हैं। इसके अलावा टीम शाह से उपाध्यक्ष श्याम जाजू, प्रवक्तता शहनवाज हुसैन, सुधांशु त्रिवेदी और जीवीएल नरसिंह राव का नाम आलाकमान के समक्ष विचार में है। जाजू को उत्तराखंड या राजस्थान से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
भाजपा महासचिवों के राज्यसभा में जाने की संभावना अधिक क्यों?
राज्यसभा में भाजपा महासचिवों के जाने की संभावना इसलिए प्रबल है क्योंकि अध्यक्ष के बाद संगठन में सबसे अहम भूमिका पार्टी के महासचिवों की होती है। चुनावी राज्यों का जिम्मा भी उनके उपर होता है। इसलिए पार्टी आलाकमान अपने महासचिवों का कद बड़ा करने के मूड में है। वैसे भी पार्टी के खाते में राज्यसभा की थोक में सीटें आनी हैं। अरुण सिंह, अनिल जैन और कैलाश विजयवर्गीय को अमित शाह का बेहद भरोसेमंद माना जाता है। इसलिए इन नेताओं का कद बढऩा तय माना जा रहा है। इसके अलावा पार्टी महासचिव राम माधव और मुरली धर राव के भी संसद के उच्च सदन में पहुंचने की प्रबल संभावना हैं। दक्षिण भारत में विस्तार की नीति के तहत भाजपा आलाकमान इन दोनों ही नेताओं का कद बढ़ाने के मूड में है। वैसे भी राम माधव भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए जीताउ महासचिव कहे जाते हैं। तो मुरली धर राव के जिम्मे दक्षिण भारत में कमल को खिलाने की अहम जिम्मेदारी है।
वहीं छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरोज पांडे को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना है। इसके अलावा प्रमुख नेताओं में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्तता सुधांशु त्रिवेदी, बिजय सोनकर शास्त्री, जीवीएल नरसिंह राव और शहनवाज हुसैन को भी राज्य सभा में भेजा जा सकता है। सुधांशु लंबे समय से दावेदारी में हैं। तो शहनवाज का केंद्रीय मंत्री से लेकर संगठन तक का अनुभव है। उन्हें राज्यसभा में लाकर पार्टी एंटी मुस्लिम होने के आरोपों को झुठलाने की कोशिश करेगी। तो जीवीएल दक्षिण भारत के अलावा अंग्रेजी में पार्टी का पक्ष बेहतर ढंग से रखते हैं।
वैसे भी इस दफे भाजपा के पाले में राज्यसभा की सीटें थोक में आ रही हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों और राज्यों के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा आलाकमान राज्यसभा उम्मीदवार के चयन में जातिय और क्षेत्रीय गणित को भी साधने की कोशिश करेगा। वैसे भी सरकार के कई वरिष्ठ मंत्रियों का राज्यसभा कार्यकाल समाप्त हो रहा है इनमें से कईयों को दोबारा से राज्यसभा में भेजा जाना तय माना जा रहा है।
जेटली का गुजरात, नड्डा का हिमाचल से राज्यसभा में आना तय
केंद्र की मोदी सरकार के करीब एक दर्जन मंत्रियों का राज्यसभा कार्यकाल समाप्त हो रहा है। अकेले पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात से 4 मंत्रियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। लेकिन विधानसभा में सीटें कम आने की वजह से यहां भाजपा को दो सीटों पर नुकशान होगा। यहां से वित्त मंत्री अरूण जेटली और पुरूषोत्तम रूपाला के राज्यसभा सदस्य के रूप में वापसी तय मानी जा रही है। दो सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी। हिमाचल प्रदेश की एकमात्र सीट से केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का नाम तय माना जा रहा है। हालांकि यहां से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल चुनाव हारने के बाद भी प्रबल दावेदार हैं। मगर सूत्र बताते हैं कि धूमल को हिमाचल के बजाय किसी अन्य राज्य से राज्यसभा का सदस्य बनाया जा सकता है अन्यथा उन्हें आगे चलकर किसी राज्य का राज्यपाल बनाया जाएगा। पार्टी आलाकमान उन्हें लंबे समय तक खाली रखने के मूड में नहीं है। रवि श्ंाकर प्रसाद को बिहार से ही राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। तो धर्मेंद्र प्रधान को किसी अन्य राज्य से लाने की चर्चा है। प्रकाश जावड़ेकर का महाराष्ट्र से दोबारा राज्यसभा में आना तय माना जा रहा है।
यूपी से अनिल जैन और अरूण सिंह के नाम की चर्चा
राज्यसभा के चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें यूपी से मिलेंगी। यहां की 10 सीटों में से भाजपा के खाते में 9 सीट आनी हैं। यहीं से बाहरी नेताओं को पार्टी उम्मीदवार बनाएगी। राज्य से ताल्लूक रखने वाले अरूण सिंह, अनिल जैन, सुधांशु त्रिवेदी और बिजय सोनकर शास्त्री का नाम केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष चर्चा में है। तो करीब 3-4 चेहरे प्रदेश से भी तय किए जाएंगे। यही वजह है कि राम माधव के नाम का विचार राजस्थान और मध्यप्रदेश से हो रहा है। मुरली धर राव को भी पार्टी इन्हीं किसी एक राज्य से राज्यसभा में लाएगी। राजस्थान में 3 सीटों पर चुनाव होना है तीनों ही सीटें भाजपा के खाते में जाएंगी। मध्य प्रदेश से भी 5 सीटें भरी जानी हैं। इनमें से करीब 3 सीटें भाजपा की तय मानी जा रही हैं। यहां से थावर चंद गहलोत का नाम दोबरा से तय माना जा रहा है। इसके अलावा कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी चर्चा में है। कर्नाटक से भी भाजपा को राज्यसभा की 2 सीटें मिलने की संभावना है। यहां से स्थानीय नेताओं को ही ज्यादा तरजीह मिलने की संभावना है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal