भारत की तरफ से तीन साल बाद अपना दूसरा टेस्ट मैच खेल रहे शार्दुल ठाकुर ने इस बार मौके का भरपूर फायदा उठाया। रविंद्र जडेजा के चोटिल होने के बाद चौथे टेस्ट के लिए प्लेइंग इलेवन में शामिल किए गए शार्दुल ने पहले गेंदबाजी और फिर बल्लेबाजी में शानदार प्रदर्शन किया। शार्दुल ने पहली पारी में जहां तीन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को आउट किया तो वहीं बल्लेबाजी में आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक जड़ दिया। यही नहीं वे पहली पारी में भारत की तरफ से सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी भी रहे।
ऋषभ पंत के आउट होने के बाद शार्दुल तब बल्लेबाजी के लिए पहुंचे जब भारत का स्कोर छह विकेट के नुकसान पर 186 रन था। इसके बाद उन्होंने मुश्किल में नजर आ रही टीम इंडिया को ना सिर्फ उबारा बल्कि वाशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए 123 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की और भारत की मैच में वापसी कराने में सफल रहे।
शार्दुल ने अपनी पारी के दौरान ऑस्ट्रेलिया के स्टार तेज गेंदबाजों की जमकर क्लास लगाई, उन्होंने एक से बढ़कर एक शॉट लगाए। ठाकुर ने अपनी 67 रन की पारी के दौरान नौ चौके और दो छक्के लगाए। यही वजह रही कि उनकी बल्लेबाजी की वजह से ऑस्ट्रेलियाई टीम काफी दबाव में दिखी और हताशा में उनपर टिप्पणी करती रही।
मैच के बाद शार्दुल ने इसका खुलासा करते हुए खुद बताया कि बल्लेबाजी के दौरान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी उनसे बात करने की कोशिश कर रहे थे, वे उनसे सवाल पूछ रहे थे और उनका ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे थे। भारतीय खिलाड़ी ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने उन्हें कई बार स्लेज करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने उसपर ध्यान नहीं दिया और अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान लगाते रहे।
शार्दुल ने इसके अलावा एक और बड़ा राज खोला। उन्होंने अपनी ऐतिहासिक पारी के पीछे का कारण टीम के कोच रवि शास्त्री को बताया। 29 वर्षीय क्रिकेटर ने कहा कि जब मैं बल्लेबाजी के लिए जा रहा था तब हमारी स्थिति सही नहीं थी और लोग ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की तारीफ कर रहे थे। लेकिन तब मुझे कोच रवि शास्त्री की एकदिवसीय सीरीज के दौरान कही गई बात याद आई। उन्होंने कहा था कि इस देश में अगर तुम परफॉर्म करोगे तो तुम्हें उसका इनाम मिलेगा। लोग तुम्हें याद करेंगे, तुम्हारी वाहवाही होगी।