देश की राजधानी में शादी से पहले ही मंगेतर द्वारा बलात्कार किया गया है. इस हादसे के बाद पीड़िता की आवाज चली गई है और इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार का आरोप है कि बलात्कार के बाद मंगेतर ने शादी से इंकार कर दिया है. इस मामले में मिली खबरों के मुताबिक़ अब अदालत ने इस मामले की सुनवाई करने के बाद दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वह मजिस्ट्रेट के समक्ष पीड़िता के लिखित बयान दर्ज कराए.
रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरीश कुमार की अदालत ने भारत नगर थाना पुलिस को कहा है कि ”वह सात दिन के भीतर पीड़िता के सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष लिखित में बयान दर्ज कराए और उसकी जो भी मदद हो सके की जाए.” वहीं इसके पहले अदालत ने पीड़िता की मानसिक स्थिति समझने के लिए उससे इशारे में बातचीत की और उसके बाद अदालत ने पुलिस से कहा है कि ”बेशक वह बोल नहीं पा रही है. लेकिन वह लिखित में बयान दर्ज कराने की स्थिति में है.”
इस मामले में कोर्ट ने यह तक कहा कि उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए इस प्रक्रिया में अब और देरी ना की जाए और जल्द से जल्द इस मामले में जांच कर न्याय दिया जाए.