कभी उत्तर भारत का मैनचेस्टर कहे जाने वाले कानपुर में अस्तित्व खो रहे उद्योगों के लिए एक बार फिर आस जगी है। उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ शहर को एक और पहचान देने के लिए चकेरी एयरपोर्ट के विस्तार को नई डिजाइन को मंजूरी मिल गई है। इसमें करीब 400 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसके टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एयरपोर्ट में बड़ी पार्किंग तैयार होगी, जिसमें एक साथ आठ एयरक्राफ्ट खड़े हो सकें। अभी पार्किंग में प्राइवेट ट्रेनिंग के एयर क्राफ्ट खड़े होते हैं।
औद्योगिक नगरी को लगेंगे पंख
महानगर के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सिविल इन्क्लेव में माल ढुलाई के लिए कार्गो टर्मिनल भी बनेगा। इससे लेदर, प्लास्टिक, लेदर सैडलरी, फुटवियर, एल्युमिनियम प्लेट्स, कैमिकल्स, एनिमल मीट, फिनिश्ड लेदर, टेक्सटाइल सहित सहित अन्य माल बड़ी मात्रा में कानपुर से एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा। चकेरी एयरपोर्ट नेशनल हाईवे से कनेक्ट होने के चलते कन्नौज, फतेहपुर, कानपुर देहात सहित अन्य पास के जिले के व्यापारी अपना माल कार्गो के जरिए भेज सकेंगे। अपने शहर में मसाला, लेदर, प्लास्टिक समेत कई ऐसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं।
अहिरवां एयरपोर्ट का रनवे इंडियन एयरफोर्स के अधीन है। इस एयरपोर्ट का विस्तार सिविल इन्क्लेव के तहत किया जाना है। कुछ माह पूर्व तैयार किए डिजाइन में एयरफोर्स ने सुरक्षा की दृष्टि से एतराज जताया था। जिसके बाद एयरफोर्स की निगरानी में नए सिरे डिजाइन तैयार हुआ, जिसे एयरफोर्स स्टेशन के सीओओ ने स्वीकृति दे दी है। अहिरवां एयरपोर्ट के डायरेक्टर जमील खालिक का कहना है कि नए सिविल इन्क्लेव के लिए दिसंबर तक टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। टर्मिनल का इस्टीमेट तैयार किया जा रहा है।
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