जापान के वैज्ञानिकों ने कहा कि कि उन्होंने मानवीय उपयोग के अनुकूल, अत्याधिक लचीला सेंसर विकसित किया है जो दिल की धड़कन जांचने वाले स्वयं संचालित उपकरण के तौर पर काम करेगा. जापान के टोक्यो विश्वविद्यालय और आरआईकेईएन के अनुसंधानकर्ताओं ने कई तरह की शारीरिक प्रक्रियाओं को मापने में इस्तेमाल होने वाले आर्गेनिक इलेक्ट्रोकेमिकल ट्रांसिस्टर नामक एक संवेदी उपकरण को लचीले जैविक सौर सेल के साथ संकलित किया. इसकी मदद से वह चमकीली रोशनी में चूहों एवं मानवों की धड़कन मापने में सक्षम हो पाए. आरआईकेईएन सेंटर फॉर इमरजेंट मैटर साइंस के केंजीरो फुकुदा ने कहा, “मानवीय उत्तकों में स्थापित किए जा सकने के लिए चिकित्सीय स्थितियों पर नजर रखने वाले स्वयं चालित उपकरण बनाने की पहल में यह एक अगला कदम है.”
मानवीय शरीर पर सीधे पहने जा सकने वाले स्वचालित उपकरणों के चिकित्सीय प्रयोजनों में इस्तेमाल की बहुत अच्छी संभावना है. यह अनुसंधान ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
टोक्यो: जापान के वैज्ञानिकों ने कहा कि कि उन्होंने मानवीय उपयोग के अनुकूल, अत्याधिक लचीला सेंसर विकसित किया है जो दिल की धड़कन जांचने वाले स्वयं संचालित उपकरण के तौर पर काम करेगा. जापान के टोक्यो विश्वविद्यालय और आरआईकेईएन के अनुसंधानकर्ताओं ने कई तरह की शारीरिक प्रक्रियाओं को मापने में इस्तेमाल होने वाले आर्गेनिक इलेक्ट्रोकेमिकल ट्रांसिस्टर नामक एक संवेदी उपकरण को लचीले जैविक सौर सेल के साथ संकलित किया. इसकी मदद से वह चमकीली रोशनी में चूहों एवं मानवों की धड़कन मापने में सक्षम हो पाए. आरआईकेईएन सेंटर फॉर इमरजेंट मैटर साइंस के केंजीरो फुकुदा ने कहा, “मानवीय उत्तकों में स्थापित किए जा सकने के लिए चिकित्सीय स्थितियों पर नजर रखने वाले स्वयं चालित उपकरण बनाने की पहल में यह एक अगला कदम है.”
मानवीय शरीर पर सीधे पहने जा सकने वाले स्वचालित उपकरणों के चिकित्सीय प्रयोजनों में इस्तेमाल की बहुत अच्छी संभावना है. यह अनुसंधान ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
अनियमित दिल की धड़कन को झट से पहचान लेगा यह स्मार्टफोन एप
वैज्ञानिकों ने एक स्मार्टफोन एप्लीकेशन विकसित किया है, जो एट्रियल फाइब्रिलेशन की जांच करने में मदद कर सकता है. एट्रियल फाइब्रिलेशन दिल की धड़कन का सबसे आम विकार है. इस विकार की वजह से दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है और अक्सर बढ़ जाती है, जिससे आम तौर पर रक्त प्रवाह कम हो जाता है. सभी तरह के स्ट्रोक के होने के पीछे 20-30 फीसदी यही वजह होती है. यह समय पूर्व मौत का जोखिम बढ़ा देता है.
कैमरे से जांच लेगा दिल की धड़कन
नया एप दिल की धड़कन, सांस फूंलने, थकान आदि लक्षणों का इस्तेमाल कर दिल की धड़कन को मापता है. इसका इस्तेमाल स्मार्टफोन कैमरा के सामने एक मिनट तक बाईं तर्जनी उंगली को दबाकर किया जा सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह एप स्वचालित रूप से एक रिपोर्ट देता है, जिसमें दिल की धड़कन की एक प्रति के साथ, उसके बारे में जानकारी भी रहती है.
एट्रियल फाइब्रिलेशन की कम कीमत में हो सकेगी जांच
बेल्जियम के हेस्सेल्ट विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व मुख्य अनुसंधानकर्ता पीटर वांडरवोर्ट ने कहा, “ज्यादातर लोगों के पास एक कैमरे वाला स्मार्टफोन है, जिसकी एट्रियल फाइब्रिलेशन की जांच के लिए जरूरत होती है. एट्रियल फाइब्रिलेशन की स्थिति की हजारों लोगों में जांच का यह कम कीमत वाला तरीका है. यह स्थिति तेजी से फैल रही है और इसका इलाज नहीं किया गया तो गंभीर परिणाम होंगे.”
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