योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में जहरीली शराब पीने के कारण उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हुई 100 से ज्यादा मौतों के लिए राजनीति भी शुरू हो गई है. राज्य सरकार ने कार्रवाई तो शुरू कर दी है लेकिन विपक्षी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने कहा कि इससे पहले वाली अखिलेश यादव सरकार में भी यही हाल था लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ जब आवाज उठाई तो उन्हें खमियाजा भुगतना पड़ गया.
भतीजे अखिलेश यादव से नाराज होकर समाजवादी पार्टी (सपा) छोड़कर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन करने वाले चाचा शिवपाल सिंह यादव ने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अपनी सरकार में भी यही हाल था. लखनऊ में शिवपाल सिंह यादव ने सहारनपुर समेत कई शहरों में जहरीली शराब पीने से हुई मौत पर उत्तर प्रदेश सरकार और पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में किसी का भला नहीं हो रहा है और मौत हो जाने के बाद कार्रवाई का कोई फायदा नहीं होता.
शिवपाल ने कहा कि इन पर बहुत पहले ही कार्रवाई की जानी चाहिए थी. साथ ही उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रदेश का ऐसा कोई जिला नहीं जहां नंबर दो की शराब नहीं बिक रही है. उन्होंने न सिर्फ योगी सरकार पर निशाना साधा बल्कि अखिलेश सरकार को भी लपेटे में लिया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में भी यही हाल था, लेकिन इसके खिलाफ जब हमने आवाज उठाई तो उसका खमियाजा भुगतना पड़ गया.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लखनऊ के संस्थापक शिवपाल ने कहा कि सरकार शराब के आरोपियों को बाद में सजा देती है जो गलत है. पिछली सरकार में भी यही हुआ था
जहरीली शराब से हुई मौत के इतर आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश में सपा और बसपा (बहुजन समाज पार्टी) के बीच हुए गठबंधन पर शिवपाल सिंह यादव ने निशाना साधते हुए कहा कि यह गठबंधन किसी काम का नहीं है, एक ने बाप और चाचा दोनों को धोखा दिया तो समझ सकते हैं कि किस तरह के लोग गठबंधन में हैं.
शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. वहीं उन्होंने खुद फिरोजाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कही है.
जहरीली शराब से लगातार हो रही मौत के बाद उत्तर प्रदेश के आबकारी विभाग ने अब तक 297 लोगों पर मुकदमा दर्ज करके 175 लोगों को गिरफ्तार किया है. सहारनपुर में 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है. इसके अलावा राज्य सरकार जहरीली शराब बनाने और बेचने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (रासुका) लगाने की तैयारी कर रही है. नए आंकड़े के मुताबिक, दोनों राज्यों में अब तक कुल 109 लोगों की मौत हो चुकी है.