दिल्ली में प्रदूषण और पार्किंग को लेकर उभरी समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राजधानी के उन बड़े शोरूम, दुकानें और रेस्टोरेंट को सील करने के आदेश दिए हैं, जो नियमों को ताक पर रख कर चलाए जा रहे हैं. अवैध झुग्गी-झोपड़ियों और छोटे बाजारों को ये कह कर राहत दे दी गई है कि उनके पास दूसरे विकल्प नहीं हैं. इस आदेश के बाद दिल्ली के व्यपारियो में रोष है, व्यापारी खुद से किए जा रहे भेदभाव से नाखुश हैं.
खान मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मेहरा का कहना है, ‘हम माननीय कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, पर एक बात जो हम सभी व्यापारियों के लिए चिंता का विषय है, वो है कि ये भेदभाव क्यों, अगर किसी ने भी अवैध निर्माण किया है या कोई गलती की है तो सभी को समान सजा मिलनी चाहिए. जो गलत है, वो गलत है, तो हमें क्यों टारगेट किया जा रहा है.’
इस फैसले से सबसे ज्यादा आहत दिल्ली के लाजपत नगर से सटे अमर कॉलोनी मार्केट के व्यापारी हैं. यहां दिल्ली की अब तक की सबसे बड़ी सीलिंग को अंजाम दिया गया है. यहां छोटे से किराने की दुकान से लेकर कपड़ों के शोरूम को पूरी तरह सील कर दिया गया है. यहां तक कि डॉक्टर के क्लीनिक और कोचिंग सेंटर को भी नहीं छोड़ा गया.
कोर्ट ने दिल्ली के रिहायशी इलाकों में चल रही बड़ी दुकानों, शोरूम और रेस्टोरेंट को सील करने का आदेश दिया है. ये फैसला दिल्ली को प्रदूषण और पार्किंग की समस्या से किस हद तक निजात दिला पाएगा, ये आने वाला वक्त बताएगा, पर मौजूदा हालात में व्यापारी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और कोर्ट से पक्षपात न करने की अपील भी कर रहे हैं.
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