भारत के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफार्म पेटीएम की मालिक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने व्यापारियों के लिए भुगतान के मामले में क्रांति लाते हुए व्यापारियों के लिए इंस्टैंट बैंक सेटलमेंट यानी तत्काल बैंक सेटलमेंट सेवा शुरू करने की घोषणा की है. इस नई शुरुआत से कंपनी ने नगदी जैसा शक्तिशाली भुगतान समाधान मुहैया कराने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है. इससे व्यापारियों को अपने रोजमर्रा के नगद लेनदेन में सुधार लाकर अपना व्यापार तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी.
इस समाधान की मदद से कंपनी का लक्ष्य अपने ऑफलाइन स्टोर पर पेटीएम क्यूआर के जरिये भुगतान स्वीकार करने वाले 9.5 मिलियन व्यापारियों को लाभ पहुंचाने का है. पेटीएम पहला ऐसा डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफार्म था जिसने ‘नेक्स्ट डे सेटलमेंट’ यानी अगले दिन सेटलमेंट की सुविधा व्यापारियों को दी थी. और अब ‘इंस्टैंट बैंक सेटलमेंट’ के जरिये उसने डिजिटल भुगतान उद्योग में एक और नई पहल की है. पेटीएम एप पर ही व्यापारी अब यह चुन सकेंगे कि वे अपने कारोबारी लेन-देन कब सेटल करना चाहते हैं या वे जब चाहे तब इंस्टैंट सेटलमेंट भी कर सकते हैं.
कंपनी ने देशभर में दस लाख से ज्यादा व्यापारियों के लिए पायलट प्रोग्राम संचालित किया था. इसका उसे बहुत अच्छा फायदा मिला है. इसका लाभ यह हुआ कि ज्यादा से ज्यादा व्यापारी अब अपने ग्राहकों को पेटीएम के जरिये भुगतान करने के लिए जागरुक कर रहे हैं.
पेटीएम के सीओओ किरण वासीरेड्डी ने कहा, “हमने यह पाया कि हमारे पार्टनर व्यापारियों के लिए रोजमर्रा के नगद लेने देन को बेहतर बनाने के लिए इंस्टैंट सेटलमेंट यानी तत्काल सेटलमेंट की जरूरत थी. इसी वजह से हमने इंस्टैंट सेटलमेंट का विकल्प विकसित किया और एक मिलियन से ज्यादा व्यापारियों के बीच एक पायलट संचालित किया. नतीजे बेहद उत्साहवर्धक रहे. पेटीएम क्यूआर से अलग-अलग तरह के भुगतान स्वीकार करने में 100 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. अब व्यापारी भी अपने ग्राहकों को पेटीएम क्यूआर से भुगतान करने की सलाह दे रहे हैं.
इसी को आधार बनाकर हम अब अपने 9.5 मिलियन पार्टनर व्यापारियों के लिए यह सेवा उपलब्ध करा रहे हैं. इस नई शुरुआत से हम व्यापारियों को इंस्टैंट लिक्विडिटी दे रहे हैं. इसी वजह से व्यापारी कह रहे हैं कि अब ‘पेटीएम भी कैश जितना ही शक्तिशाली पेमेंट माध्यम बन गया है.’ यह हमारे लिए गर्व का क्षण है क्योंकि हम सही मायनों में देश को एक डिजिटल राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रगति कर रहे हैं.”