व्यापमं घोटाले की जांच मप्र के जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय तक पहुंच चुकी है। सीबीआई ने हाल ही में पत्र भेजकर विश्वविद्यालय से 15 साल पुरानी मेडिकल परीक्षा की कॉपियां (उत्तर पुस्तिका) मांगी हैं। हालांकि सीबीआई को निराशा हाथ लगी क्योंकि प्रशासन इतने वक्त तक कॉपियों को नहीं रखता। नतीजे जारी होने के 6 माह बाद ही कॉपियां रद्दी में तब्दील हो जाती है।
सीबीआई की टीम ने रानी दुर्गावती विवि को पत्र लिखकर 2003 से 2009 के बीच मेडिकल एमबीबीएस की प्रथम वर्ष परीक्षा की कॉपियां मांगीं। सीबीआई के अनुसार भोपाल के इंस्पेक्टर के पास जांच की जवाबदारी है। उन्होंने पत्र के माध्यम से एमबीबीएस के छात्र प्यारेलाल अहिरवार की कॉपियां उपलब्ध करवाने को कहा। इधर,
विश्वविद्यालय की परेशानी ये है कि उनके पास परीक्षा की कॉपियां रखने की पर्याप्त जगह नहीं है। ऐसे में ज्यादा समय तक कॉपियां नहीं रखी जा सकती हैं। सीबीआई को भेजे जवाब में विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियमों का हवाला दिया है। बताया कि अनियम में परीक्षा के नतीजे जारी होने के 6 माह बाद कॉपियों को नष्ट किया जा सकता है। विश्वविद्यालय में हर साल करीब सवा लाख विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होते हैं। ऐसे में सभी विद्यार्थियों की परीक्षा कॉपी को सहेजकर रख पाना मुमकिन नहीं।
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