आपने देखा होगा कि ब्राह्मण अक्सर प्याज और लहसुन आदि से परहेज करते देखे जा सकता है। इसको लकर अपने-अपने मत है। कोई इसे वैज्ञानिक कारण मानता है तो कोई इसे धार्मिक कारण मानता है। आज हम आपको अपनी खबर में इससे जुडे कुछ पहलुओं के बारें में बताएगे कि आखिर ब्राह्मण लहसुन और प्याज से परहेज क्यों करता है?
आयुर्वेद के अनुसार खाद्य पदार्थो को तीन भागों में बांटा गया है जो निम्न है
1. सात्विक जिसके अंदर शांति, संयम, पवित्रता और मन की शांति के गुण आते है
2. राजसिक इसमें जुनून और खुशी के गुण आते है।
3. तामसिक इसमें जुनून, क्रोध, अंहकार और विनाश के गुण आते है।
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ब्राह्मण लोग लहसुन और प्याज अंहिसा के चलते नहीं खाते है, क्योंकि यह सब पौधे राजसिक और तामसिक रूप में बंटे हुए है। जिनका मतलब है कि जुनून और अज्ञानता में वृद्धि करते है। क्योंकि यह जमीन पर कई जीवाणुओं की मौत का कारण बनते है। इसलिए इसके सेवन पर मनाही है।
वहीं दूसरी ओर शास्त्र कहते है कि लहसुन, प्याज और मशरूम ब्राह्मणों को खाना मना है, क्योंकि आमतौर पर ये अशुद्धता बढ़ाते हैं और अशुद्ध खाद्य की श्रेणी में आते हैं। ब्राह्मणों को पवित्रता बनाए रखने की जरूरत होती है, क्योंकि वे देवताओं की पूजा करते हैं जोकि प्रकृति में शुद्ध होते हैं।