वोटर नाम कटने मामले में फंस गई AAP, मंत्री के जवाब से फंसे CM केजरीवाल

लोकसभा चुनाव से काफी समय पहले से ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और चुनाव आयोग पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि दिल्ली में लाखों लोगों के वोट काटे जा रहे हैं. अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है, विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार में मंत्री इमरान हुसैन के ही जवाब का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल को घेरा और उन पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया.

रोहिणी से बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरते हुए कहा कि केजरीवाल ने अपने ट्वीट के माध्यम से आरोप लगाया था कि बीजेपी के चुनाव आयोग ने हमें 4 साल में काटे गए 24 लाख लोगों की लिस्ट दी है. जबकि नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता के प्रश्न के जवाब में उनके मंत्री इमरान हुसैन ने सदन में जो आंकड़े प्रस्तुत किए उसके अनुसार इस दौरान 11.54 लाख नाम काटे गए और 18.44 लाख नए नाम जोड़े गए. इस तरह से 6.90 लाख नाम जोड़े गए.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 27 नवंबर, 2018 को सदन में यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि दिल्ली सरकार वोटरों के नाम काटे जाने के विषय में जांच कर सदन में तीन महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 14 दिसंबर, 2018 को इस विषय में विस्तृत जानकारी सौंप दी थी. लेकिन मंत्री ने पिछले और वर्तमान सत्र में सदन को संकल्प के बारे में कुछ नहीं बताया. इसके अनुसार 27 फरवरी, 2019 तक सरकार ने इस महत्वपूर्ण  जानकारी सहित रिपोर्ट सदन के पटल पर रखनी थी.

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विपक्ष ने मुख्य चुनाव अधिकारी का 14 दिसंबर, 2018 का पत्र सदन के पटल पर रखा. यह पत्र दिल्ली सरकार के पास ढाई महीने से लंबित पड़ा था.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल महीनों से वोटर लिस्ट में हटाए गए नामों को लेकर जनता को गुमराह कर रहे थे. वे दावा कर रहे थे कि विभिन्न धर्मों, जातियों और संप्रदायों के वोटरों के नाम निर्वाचन कार्यालय द्वारा बीजेपी के इशारे पर निकाले गए. निकाले गए नामों की सूची के ढेर दिखाकर लोगों को गुमराह किया गया.

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मंत्री इमरान हुसैन पर ब्रीच ऑफ ट्रस्ट का मुकदमा चलना चाहिए. साथ ही मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस बाबत माफी भी मांगनी चाहिए.

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