वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने के बाद अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी ईबे ने इससे बाहर निकलने की योजना बनाई है. ईबे फ्लिपकार्ट में अपनी 1.1 अरब डॉलर की हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है. कंपनी ने कहा है कि वह भारत में अपने कारोबार को नये सिरे से शुरू करेगी.
कंपनी ने कहा है कि उसने इसकी जानकारी फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट को दे दी है. कंपनी अब क्रॉस बॉर्डर के कारोबार पर फोकस करेगी. उसने कहा कि वह ईबे इंडिया को एकदम नये सिरे से लॉन्च करेगी.
ईबे ने कहा कि वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट के बीच हुई इस डील के बाद हम फ्लिपकार्ट के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी भी खत्म करेंगे. इसमें दोनों कंपनियों के बीच हुए कमर्शियल एग्रीमेंट को भी खत्म कर दिया जाएगा. इसके साथ ही फ्लिपकार्ट eBay.in ब्रांड का इस्तेमाल भी नहीं कर पाएगा.
ईबे ने कहा है कि वह फ्लिपकार्ट से अलग होने के बाद भारत में अपने कारोबार का नये सिरे से शुरू करेगी. ईबे ने अपने बयान में कहा कि भारत में ई-कॉमर्स मार्केट के लिए काफी ज्यादा स्कोप है. इस मार्केट में कई कंपनियों के लिए एक ही समय में बेहतर प्रदर्शन करने का मौका है.
बता दें कि वॉलमार्ट ने भारतीय ई-रिटेल दिग्गज फ्लिपकार्ट को खरीद लिया है. इस डील को दोनों कंपनियों ने 16 बिलियन डॉलर (1,07200 करोड़ रुपये) पर तय किया है. फ्लिपकार्ट के उप-संस्थापक सचिन बंसल ने कंपनी में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है.
ऐलान के मुताबिक वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट की 77 फीसदी हिस्सेदारी ली है. भारत के ई-कॉमर्स के इतिहास में यह अबतक की सबसे बड़ी डील है. इस डील को करने के बाद वॉलमार्ट भारत में काम करने वाली सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी बन जाएगी.
वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट में करार के बाद भारत में वॉलमार्ट का कारोबार लगभग 10 बिलियन डॉलर का हो जाएगा. गौरतलब है कि वॉलमार्ट ग्लोबल के सीईओ डग मैकमिलन मंगलवार को इस डील के लिए भारत पहुंच गए थे और बुधवार को डील का आधिकारिक ऐलान कर दिया गया है.
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