Statista की रिपोर्ट बताती है कि औसतन एक भारतीय हर महीने तकरीबन 22 घंटे वॉट्सऐप पर बिताता है। पिछले साल मैसेज भेजने के मामले में भारतीय कई देशों से आगे हैं। 2023 में टेक्स्ट वीडियो फोटो और कॉन्टैक्ट को मिला लिया जाए तो हम भारतीयों ने 140 अरब मैसेज भेजे। अब इतना कर रहे हैं तो हमें कुछ टेक्सटिंग मैनर्स भी पता होने चाहिए।
आज से कुछ सालों पहले तक एक दूसरे से मिलकर बात करना हर किसी की पहली पसंद होती थी, लेकिन वक्त के साथ लोगों के बात करने का तौर-तरीका बदला है। अब डिजिटल युग में मिलकर बात करने की बजाय सिर्फ एक टेक्स्ट से ही काम चल जाता है।
यहां तक कि बहुत से लोग तो ऐसे हैं जिन्हें मिलना पसंद भी नहीं है, वह कॉल या मिलने की बजाय टेक्स्ट को ही तरजीह देते हैं, जो लोग टेक्स्ट पर ज्यादा बात करना पसंद करते हैं उन्हें टेक्स्टोवर्ट कहा जाता है। अब ऐसे में टेक्स्ट करने से पहले टेक्स्टोवर्ट लोगों को कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए। कुछ टेक्सटिंग मैनर्स हैं जिन्हें अगर चैट करते वक्त फॉलो किया जाएगा तो जाहिर तौर पर कन्वर्सेशन पहले से बेहतर होगा।
‘द टेक्सट बुक’ से सीखें टेक्स्ट करने तरीका
टेक्स्ट करते वक्त क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इसके बारे में अमेरिकन लेखिका एलिजाबेथ रोस्सी ने अच्छे से बताया है, उन्होंने अपनी किताब ‘द टेक्सट बुक’ में उन बातों का जिक्र किया है जो मैसेज करते वक्त शायद ही कोई यूजर ध्यान रखता होगा। भले ही ये चीजें बहुत छोटी-छोटी हैं, लेकिन कन्वर्सेशन करते वक्त इनका अहम रोल होता है।
कुछ पॉइंट हैं जो टेक्स्ट करते वक्त आपको याद रखने चाहिए।
बहुत लंबा मैसेज- अगर आप टेक्स्ट में लंबे-लंबे मैसेज भेजते हैं, तो इससे सामने वाला पर्सन बोर हो सकता है। ‘द टेक्सट बुक’ में एलिजाबेथ रोस्सी कहती हैं कि हमेशा छोटा मैसेज करना चाहिए। जो बात एक मैसेज में खत्म हो सकती है उसे वेवजह लंबा खींचने का कोई मतलब नहीं।
सीधी बात- टेक्स्ट में सिर्फ काम की बात लिखें और वह भी टू द पॉइंट। टेक्स्ट में बातों का ज्यादा घुमाने से नेगेटिव इंप्रेशन पड़ता है।
टाइमिंग का रखें ख्याल- टेक्स्ट करते वक्त आपको टाइमिंग का खास ख्याल रखना चाहिए। टेक्स्ट करने से पहले जरूर देख लें कि क्या समय हो रहा है। कहीं ज्यादा रात तो नहीं हो गई या फिर ज्यादा सुबह तो नहीं है।
शॉर्ट वर्ड लिखने से बचें- बहुत लोगों की आदत होती है कि वह शॉर्ट वर्ड्स में बात करते हैं, जैसे किसी को Okay भेजना हो तो वह सिर्फ k लिखेगा और सेंड कर देगा। कूल लगने के लिए ये सही हो सकता है, लेकिन द टेक्स्ट बुक के मुताबिक ऐसा करना टेक्स्ट करने का सही तरीका नहीं है।
टेक्स्ट में कुछ भी लिखने से बचें- टेक्स्ट में कुछ बातें लिखने से बचना चाहिए। जैसे कि कोई संवेदनशील जानकारी यहां लिखने का बुरा असर पड़ सकता है। किसी से रिश्ता तोड़ने के बात करना भी सही नहीं है।
2023 में भारतीयों ने भेजे 140 अरब
Statista की रिपोर्ट बताती है कि औसतन एक भारतीय हर महीने तकरीबन 22 घंटे वॉट्सऐप पर बिताता है। पिछले साल मैसेज भेजने के मामले में भारतीय कई देशों से आगे हैं। 2023 में टेक्स्ट, वीडियो, फोटो और कॉन्टैक्ट को मिला लिया जाए तो हम भारतीयों ने 140 अरब मैसेज भेजे।
शॉर्ट मैसेज लिखने की आदत…
आपको जानकर दिलचस्प लगेगा- शॉर्ट मैसेज लिखने की आदत सिर्फ युवा जेनरेशन को है खासकर Gen Z को। पिछले दिनों एक रेडिट पोस्ट में कहा गया कि बूमर्स यानी वे लोग जिनका जन्म आजादी या या फिर उससे पहले हुआ है वह बिल्कुल भी ऐसे मैसेज टेक्स्ट में नहीं लिखते हैं, बल्कि वह टेक्स्ट में विस्तार से अपनी बात कहना पसंद करते हैं। दूसरी ओर, नए लोग वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम पर शॉर्ट वर्ड्स में बात करना पसंद करते हैं।