New Delhi: आखिरकार वैज्ञानिकों के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है। लंबे इंतजार के बाद वैज्ञानिकों ने एचआईवी एड्स का इलाज खोज निकाला है। गाय पर चल रहे विवादों के बीच रिसर्च में खुलासा हुआ है। बता दें कि अब गाय की मदद से एड्स का टीका बनाया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, गाय की रोग प्रतिरोधक क्षमता से HIV के असर को मात्र 42  दिन में 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। इस टीका से भारत के  करीब 22  लाख लोगों  का  इलाज  किया  जा  सकेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, गाय की रोग प्रतिरोधक क्षमता से HIV के असर को मात्र 42  दिन में 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। इस टीका से भारत के  करीब 22  लाख लोगों  का  इलाज  किया  जा  सकेगा। 
गाय की मदद से एक वैक्सीन बनाई जा सकती है, जिसकी मदद से पीड़ित को एचआईवी के पहले स्टेज से ही बचाया जा सकेगा। इस रिसर्च में 4 गायों का प्रयोग किया गया। इन्हें एचआर्इवी के 2-2 इंजेक्शन लगाए गए। इंजेक्शन लगाने के एक माह के बाद उनमें प्रतिरक्षी कोशिकाएं पनपने लगी।
स्टडी के मुताबिक, 381 दिनों में ये ऐंटीबॉडीज एचआईवी के असर को 96 पर्सेंट तक खत्म कर सकते हैं। रिसर्चर्स का मानना है कि गायों में जटिल और बैक्टीरिया युक्त पाचन तंत्र क्षमता होती है जिसकी वजह एंटीबॉडी विकसित होती है। एड्स एक ऐसी बीमारी है जो बेहद खतरनाक है। लेकिन इस खबर ने एड्स से पीड़ित लोगों को राहत दी है।
बता दें कि एड्स की वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता घटने लगती है। इसका इलाज अब तक नहीं ढूंढा जा सका है। हालांकि इसका इलाज ढूंढने में वैज्ञानिक जोरशोर से लगे हुए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि गाय में एंटीबॉयोटीज खास किस्म की होती है ये कुछ हफ्ते पहले ही बन जाता है, लेकिन इंसानों मे इसे बनने में काफी वक्त लगता है। रिसर्च में ये बात सामने आई है कि गाय के दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर अनेक बीमारियों की रोकथाम में कारगर माना जाता है।
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