अच्छी सेहत में पौष्टिक आहार की अहम भूमिका होती है। ऐसे खानपान से ना सिर्फ मेटाबोलिक हेल्थ बेहतर हो सकती है बल्कि कई रोगों से बचाव भी हो सकता है। अब एक नए अध्ययन में पता चला है कि इस तरह के खानपान की कमी से कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण का भी खतरा बढ़ सकता है।
अमेरिका की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के फ्रीडमैन स्कूल ऑफ न्यूट्रिशन साइंस के डीन डॉ डेरियस मोजफेरियन ने कहा, पौष्टिक आहार की कमी खराब सेहत की प्रमुख वजह बन रही है। मेटाबोलिक दुरुस्त नहीं रहने से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। नतीजन हृदय रोग, टाइप-2 डायबिटीज और मोटापा संबंधी कैंसर रोगों का खतरा बढ़ सकता है। ये सब कोरोना की चपेट में आने के प्रमुख कारक बन सकते हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार, मेटाबोलिक सिंड्रोम में कमर के इर्दगिर्द अत्यधिक चर्बी, उच्च रक्तचाप, उच्च ब्लड शुगर और असामान्य कोलेस्ट्रोल का स्तर जैसी समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। इनके चलते प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) में बाधा खड़ी हो जाती है और संक्रमणों, निमोनिया व कैंसर रोगों का खतरा बढ़ सकता है। इस तरह की समस्याएं कोरोना वायरस के खतरे को बढ़ा सकती हैं। अमेरिका में करीब एक तिहाई वयस्क मेटाबोलिक सिंड्रोम की समस्या से पीडि़त हैं। ऐसे लोगों में कोरोना का सर्वाधिक खतरा पाया गया है।
इस तरह कर सकते हैं बचाव
शोधकर्ताओं के अनुसार, पौष्टिक खानपान और संतुलित जीवनशैली अपनाकर मेटाबोलिक सिंड्रोम से बचाव किया जा सकता है। मसलन नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें। हरी सब्जियां, फल और साबुत अनाज का भरपूर सेवन करें। ज्यादा वसायुक्त आहार से परहेज करें।