वीडियोकॉन लोन विवाद में घिरी आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर ने सेबी से इस मामले में जवाब देने के लिए और समय मांगा है. सूत्रों की मानें तो आईसीआईसीआई बैंक और चंदा कोचर ने इस संबंध में बाजार नियामक को लिखा है. इन्होंने किन आधार पर नोटिस जारी किया गया है, यह जानकारी साझा किए जाने की अपील की है.
बाजार नियामक सेबी ने आईसीआईसीआई बैंक और चंदा कोचर को वीडियोकॉन लोन विवाद में कारण बताओ नोटिस भेजा था. इस नोटिस का जवाब देने के लिए बैंक और चंदा कोचर के पास गुरुवार तक का समय था.
बिजनेस स्टैंडर्ड को इस मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने कहा, ”सेबी ने आईसीआईसीआई बैंक और चंदा कोचर को 12 पन्नों का कारण बताओ नोटिस भेजा है. यह नोटिस 23 मई को भेजा गया था.
हालांकि नोटिस के साथ आरोप किस आधार पर लगाए गए हैं, इसको लेकर कोई दस्तावेज नहीं था.” उन्होंने कहा कि जिसे नोटिस भेजा गया है, वह जवाब देने से पहले यह जानने का हक रखता है कि उसके खिलाफ यह नोटिस किन आधार पर जारी किया गया है.
रेग्युलेटर ने अपने नोटिस में आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप चंदा कोचर पर लगाया है. इसमें कहा गया है कि चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक, वीडियोकॉन और नूपावर रिन्यूवेबल्स के बीच कारोबारी डील से होने वाले हितों के टकराव का खुलासा नहीं किया. बता दें कि नूपावर रिन्यूवेबल्स चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी है.
सेबी ने अपने नोटिस में कहा है कि जितनी भी कंपनियां लिस्टेड हैं, उनके मैनेजरियल स्टाफ को आचार संहिता को अपनाना जरूरी होता है. इसके साथ ही उन्हें नियामक के सभी नियमों का पालन भी करना पड़ता है. बता दें कि रेग्युलेटर ने 17 अप्रैल को इस मामले में अपने स्तर पर जांच शुरू की थी.
बता दें कि आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर पर वीडियोकॉन समूह को करीब 4 हजार करोड़ रुपये का लोन देने के मामले में अनियमितता बरतने का आरोप लगा है. इस मामले में जांच एजेंसियां पड़ताल करने में जुटी हुई हैं.
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