हर साल 7 जून को विश्वभर में ‘विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस’ यानी की ‘वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे’ मनाया जाता है। इसे मनाने की एक मात्र यही वजह है कि लोगों को खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है, जो खराब खाने का सेवन करने की वजह से गंभीर रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं। साथ ही इस बात को सुनिश्चित करना है कि हर व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिल सके।
दिसंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से इस दिन को मनाए जाने की घोषणा की गई थी। यह खाद्य जनित रोगों के संबंध में दुनिया पर पड़ने वाले बोझ को पहचानने के लिए था। विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं खाद्य और कृषि संगठन इस क्षेत्र से संबंधित अन्य संगठनों के सहयोग से मिलकर काम करते हैं। विश्व स्वास्थ्य सभा ने दुनिया में खाद्य जनित बीमारियों के बोझ को कम करने के लिए खाद्य सुरक्षा की दिशा में प्रयासों को मजबूत करने का फैसला किया है।
थीम
‘वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे’ मनाने के लिए एक विषय तय किया जाता है। ऐसे में इस साल यानी वर्ष 2021 की थीम ‘स्वस्थ कल के लिए आज का सुरक्षित भोजन'(safe food today for healthy tomorrow). ये थीम सुरक्षित भोजन उत्पादन और उपयोग पर आधारित है। भोजन के सुरक्षित होने से लोगों, गृह और अर्थव्यवस्था को तत्काल रूप से और लम्बे समय तक फायदा होता है। कोरोना महामारी के चलते ये कार्यक्रम वर्चुअली आयोजित किए जाएंगे।
महत्व
खाद्य सुरक्षा इस बात को सुनिश्चित करती है कि खाद्य सामग्री के उपभोग से पहले फसल का उत्पादन, भंडारण और वितरण तक खाद्य श्रंखला का हर स्टेप पूरी तरह से सुरक्षित हो और यही वजह है कि खाद्य सुरक्षा दिवस का महत्व बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दूषित खाद्य या बैक्टीरिया युक्त खाद्य से हर साल 10 में से एक व्यक्ति बीमार होता है। दुनियाभर में बीमारों का यह आंकड़ा लगभग 60 करोड़ के पार है, जिसमें से 30 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। इस आंकड़े को कम करने के लिए ही खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता के प्रति विशेष ध्यान दिया जाता है।