महाकुंभ के आयोजन की समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करने और विश्व गाइड बुक बनाने का निर्णय मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो.मणींद्र अग्रवाल की मौजूदगी में लिया गया है।
संगम पर लगे विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक-धार्मिक महत्व के महाकुंभ के प्रबंधन के आधार पर योगी आदित्यनाथ सरकार दुनिया को वर्ल्ड गाइड बुक के रूप में अनूठा तोहफा देगी। एक तट पर संस्कृतियों, संप्रदायों, मतों, विचारों और संतों-भक्तों के अद्भुत समागम को लेकर वैश्विक स्तर पर सुर्खियां बटोरने वाले महाकुंभ की सुरक्षा, स्वच्छता, सेवा, अतिथि सत्कार, सफाई, यातायात और साज-सज्जा पर शोधपरक अध्ययन कर खास रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर मार्च के अंत तक वर्ल्ड गाइड बुक तैयार कर ली जाएगी। यह गाइड बुक आने वाले समय में महाकुंभ सरीखे विश्व स्तरीय आयोजनों की सफलता के लिए मददगार साबित होगी।
महाकुंभ के आयोजन की समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करने और विश्व गाइड बुक बनाने का निर्णय मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो.मणींद्र अग्रवाल की मौजूदगी में लिया गया है। मेला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक प्रबंधन की दृष्टि से संगम तट पर होने वाले अब तक उज्जैन, नासिक, हरिद्वार और प्रयगाराज में हुए कुंभ मेलों की गिनती दुनिया के कुछ चुनिंदा आयोजनों में की जा सकती है, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या और प्रबंधन के लिहाज से इस बार का महाकुंभ सबसे बड़ा साबित हो सकता है। आईआईटी कानपुर इस वैश्विक आयोजन के हर पहलू का अध्ययन रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
आईआईटी कानपुर के इकॉनमिक्स, इलेक्ट्रिकल और टेक्निकल समेत अन्य विभागों के 20 फैकल्टी मेंबर महाकुंभ के प्रबंधन पर अध्ययन के लिए लगाए गए हैं। आईआईटी में अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों को इसमें शामिल किया गया है। महा्कुंभ के प्रबंधन की विशेषताओं पर आधारित रिपोर्ट के जरिए देश-दुनिया में भविष्य में होने वाले ऐसे आयोजनों के लिए यह एक तरह की अनूठी गाइड बुक होगी। मेला प्रशासन से जुड़े एक अफसर ने बताया कि 2019 में आईआईएम बंगलूरू ने कुंभ के प्रबंधन की खूबियों पर अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की थी, लेकिन उसमें इंजीनियरिंग का पहलू शामिल नहीं था।
महाकुंभ के आयोजन को लेकर शोध के बिंदु:
आईआईटी कानपुर की टीम मोबाइल कंपनियों के टॉवर का डेटा जुटाने के साथ ही बसों-ट्रेनों में टिकट बिक्री, ई-पेमेंट, साइबर सुरक्षा, पेंट माय सिटी, जीएसटी संग्रह और टोल कलेक्शन का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार कर रही है। इसके लिए कई बार आईआईटी के विशेषज्ञों ने कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद के अलावा प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अन्य अफसरों के साथ बैठक कर जरूरी जानकारियां जुटाई हैं। लिडार तकनीक से भीड़ प्रबंधन, प्रदूषण और तकनीकी पहलुओं का परीक्षण कराया गया है। महाकुंभ में लगाए गए कैमरों और अन्य तकनीकी सामानों को भी परखा गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई महत्वपूर्ण डेटा लीक नहीं होने पाएगा।
आने वाले समय में विश्व में होने वाले बड़े आयोजनों की सफलता के लिए महाकुंभ के आयोजन के प्रबंधन के आधार पर वर्ल्ड गाइड बुक बनाने का जिम्मा मिला है। इसके लिए अलग-अलग टीमें अध्ययन में लगाई गई हैं। मेला प्रशासन के साथ इस पर कई बैठकें हो चुकी हैं। मार्च के अंत तक वर्ल्ड गाइड बुक तैयार होने की उम्मीद है। यह वैश्विक आयोजनों के लिए अपने तरह की पहली गाइड बुक होगी।-प्रो. मणींद्र अग्रवाल, निदेशक-आईआईटी कानपुर
महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश के अफसरों ने समझी भीड़ प्रबंधन की बारीकियां
महाकुंभ नगर। नासिक से 20 और मध्य प्रदेश पुलिस के 30 अफसरों की टीम ने महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन का गुर जाना। अफसरों ने मेला प्रशासन से विस्तृत चर्चा और मेला का भ्रमण कर जमीनी हकीकत भी जानी।
नासिक के संभागीय आयुक्त डॉ. प्रवीन गेडाम की अगुवाई में अफसर पहुंचे हैं। मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने विस्तृत जानकारी दी। टीम में विशेष पुलिस महानिरीक्षक दत्तात्रय कराले, डीएम जलज शर्मा, नगर आयुक्त मनीषा खत्री, सीईओ माणिक गूर्सल समेत त्रंबकेश्वर प्रशासन के अधिकारी भी शामिल हैं। वहीं, मप्र के 10 आईपीएस व 19 डिप्टी एसपी आए हैं। इनमें नौ महिला भी शामिल हैं।
मंगलवार को इन अफसरों ने अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर भीड़ प्रबंधन के गुर सीखे। पांटून पुलों पर पहुंचकर यातायात व्यवस्था देखी तो कमांड सेंटर में पहुंच जाना कि कैसे कई किमी के एरिया में फैले मेला क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर दिन-रात निगरानी की जा रही है। यहां से मिलीं जानकारियां 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ कुंभ के आयोजन में बेहद मददगार साबित होंगी।
टीम में शामिल अफसर मप्र पुलिस अकादमी, भोपाल में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। यह दल एडिशनल एसपी नीरज पांडेय के नेतृत्व में यहां पहुंचा है। महाकुंभ में अब तक 200 प्रशिक्षु आईपीएस भी आ चुके हैं।