भारतीय टीम को इस विश्व कप में अपनी पहली हार देखनी पड़ी। इंग्लैंड की टीम ने भारत के सामने 338 रन का लक्ष्य रखा था। भारतीय टीम पचास ओवर में सिर्फ 306 रन ही बना सकी। भारत को मिली हार के बाद कई कमियां उभरकर समाने आई। यही कमियां हार की वजह भी बनी। तीन ऐसी बड़ी वजहें हैं, जिनकी वजह से टीम इंडिया को हार का मुंह देखना पड़ा। आइए जानते हैं…

एक बार फिर खराब शुरुआत- भारतीय टीम ने एक बार फिर धीमी शुरुआत हुई। शिखर धवन के बाहर होने के बाद टीम को एक बार फिर सही शुरुआत नहीं मिल सका। केएल राहुल बिना खाता खोले ही पवेलियन वापस चले गए। इसके बाद टीम ने शुरू के 10 ओवर में सिर्फ 29 रन ही बना सकी। जब आप 338 रनों का पीछा कर रहे हैं, तो आप प्वारप्ले को इस तरीके से बरबाद नहीं कर सकते। शिखर के बाहर जाने के बाद से दोनों ओपनर्स ने अभीतक एक भी मैच में अच्छी शुरुआत नहीं दे सके हैं। अब अगर टीम इंडिया को वापसी करना है, तो इस हिस्से पर काम करना जरूरी है।
जीत जुनून नहीं दिखा- अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के बाद सचिन तेंदुलकर ने मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजी की आलोचना की थी। इस मैच में भी वही कमी फिर से सामने आया। मिडिल ऑर्डर ने ऐसा रक्षात्मक खेल दिखाया, मानों उन्हें मैच जीतना न हो। खासकर महेंद्र सिंह धौनी और केदार जाधव दोनों में मैच जीतने का जुनून नजर नहीं आया। धौनी जब बल्लेबाजी करने आए, तब टीम इंडिया को 10 रन/ ओवर के हिसाब से रन चाहिए थे। लेकिन धौनी बड़े शॉट्स मारने का प्रयास ही नहीं किया। इस रवैये की आलोचना कमेंट्री कर रहे पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी की। भारतीय टीम अभीतक अपने स्पिनर्स पर काफी निर्भर कर रही थी। रविवार इंग्लैंड के बल्लेबाजों उन्हें एक्सपोज करके रख दिया। दोनों स्पिनर्स कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल महेंगे साबित हुए। चहल ने 10 ओवर्स में करीब 9 की इकोनॉमी से 88 रन दिए। उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला। इसके अलावा कुलदीप ने 10 ओवर्स में 72 रन देकर एक विकेट लिया। अगर भारत को विश्व कप जीतना है, तो स्पिनर्स को रन रोकना पड़ेगा। वर्ना टीम के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
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