पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने किसानों के मुद्दे को उछालने के लिए विरोधी दलों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल किसानों को कर्जमाफी पर राजनीति करना बंद करें। वे किसानाें को भड़काना और बहकाना बंद करें।
यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने किसानों की कर्ज माफी में सभी को शामिल न करने के सुखबीर बादल के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने सुखबीर से पूछा कि सरकार अपने सीमित साधनों में पहले 35,877 किसानों का 3908 करोड़ माफ करे या 4.25 लाख किसानों का 2747 करोड़।
सुखबीर से पूछा- 35,877 किसानों का 4000 करोड़ माफ करें या सवा चार लाख का 2747 करोड़
जाखड़ने कहा, हमने तो कर्ज माफी की शुरुआत कर दी है, यह अंत नहीं है। ढाई एकड़ से कम वाले जितने भी किसान इसमें आएंगे, सभी के कर्ज माफ किए जाएंगे। एक प्रश्न के उत्तर में जाखड़ ने कहा कि सरकार के पास सीमित साधन हैं। पहले चरण में केवल सीमांत किसानों को लिया है, जिनके पास ढाई एकड़ से कम जमीन है। ऐेसे 4,24,284 किसान हैं, जिन पर 2747 करोड़ का कर्ज है। ढाई से पांच एकड़ वाले 2,28,937 किसान हैं, जिन पर 3158.34 करोड़ का कर्ज है।
उन्होंने कहा कि अब अकाली दल और भाजपा के पास कुछ कहने को बचा नहीं है इसलिए वे लोगों को बहकाने में लगी हैं। अच्छा होता कि वह खुद आगे आकर कहते कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अच्छी शुरुआत की है। आइए जिन किसानों के लोन माफ करने से बच गए हैं, उनके लिए केंद्र सरकार के पास जाकर स्रोत जुटाएं। सुखबीर जिन किसानों की बात कर रहे हैं, वे बड़े किसान हैं, जिन पर 3908 करोड़ रुपये का कर्ज है और इनकी गिनती मात्र 35,877 है।
5600 करोड़ रुपये का इंतजाम किया
जाखड़ ने कहा कि आने वाले दिनों में जब सरकार की आर्थिक स्थिति सुधरेगी तो इनको भी शामिल किया जाएगा। सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने के लिए 5600 करोड़ रुपये का इंतजाम कर लिया है। वक्त केवल इनके खाते वेरिफाई किए जाने में लग रहा है।
जाखड़ ने कहा, कर्ज माफी को लेकर मोदी सरकार से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। वित्तमंत्री अरुण जेटली का कहना है कि आरबीआई के गवर्नर के अनुसार कर्ज माफी से क्रेडिट डिस्पिलिन खराब हो जाएगा। जाखड़ ने कहा, जेटली को क्रेडिट डिस्पिलिन की चिंता है, लेकिन यहां किसानी ही खत्म हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के साथ जो वादे किए थे, उन्हें जुमला कहकर मुकर गए हैं।