भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली एक बार फिर उनकी आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के कप्तान बनने के दावेदार थे। माना जा रहा था कि टीम मैनेजमेंट एक बार फिर उनको कप्तानी सौंप सकता है लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उनकी जगह रजत पाटीदार को टीम की कप्तानी सौंपी गई। भारत के पूर्व कप्तान ने बताया है कि कोहली क्यों कप्तान नहीं बने।
आईपीएल फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने हाल ही में अपने नए कप्तान का एलान किया। मध्य प्रदेश के खिलाड़ी रजत पाटीदार को टीम ने अपना नया कप्तान बनाया है। ये फैंस के लिए थोड़ा हैरान करने वाला था, लेकिन ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि विराट कोहली एक बार फिर इस टीम की कमान संभाल सकते हैं।
ऐसा हुआ नहीं और रजत को टीम की कप्तानी सौंप दी गई। भारत के पूर्व कप्तान और चीफ सेलेक्टर कृष्णामाचारी श्रीकांत ने बताया है कि कोहली ने क्यों आरसीबी की कप्तानी नहीं ली होगी। कोहली ने साल 2021 में इस टीम की कप्तानी छोड़ी थी। 2013 से वह इस जिम्मेदारी को निभा रहे थे और दो बार टीम को फाइनल में भी ले गए थे, लेकिन खिताब नहीं दिला सके थे।
श्रीकांत ने बताई वजह
श्रीकांत ने कहा है कि कोहली को अगर कप्तानी मिलती तो भी वह कप्तानी नहीं लेते क्योंकि वह अपनी बैटिंग पर फोकस करना चाहते हैं। श्रीकांत ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, “मुझे लगता है कि विराट कप्तानी को न कह देते। वह कहते कि मुझे अपनी बल्लेबाजी पर फोकस करना है।
मुझे लगता है कि ये सब विराट कोहली की सहमति के बाद ही हुआ है (रजत पाटीदार को कप्तान बनाना)। “
श्रीकांत ने कहा कि रजत पाटीदार टीम के लिए अच्छा विकल्प हैं। पूर्व कप्तान ने कहा, “रजत पाटीदार अच्छा विकल्प हैं। उनके पास आईपीएल का अच्छा अनुभव है। उनके साथ अच्छी बात ये है कि उनसे ज्यादा उम्मीदें नहीं होंगी। जब हमने धोनी को 2007 में कप्तान बनाया था तो किसी को ज्यादा उम्मीदें नहीं थीं। रजत पाटीदार से कप्तान के तौर पर ज्यादा उम्मीदें नहीं होंगी। वह अपने फैसले ले सकेंगे। वह जरूरत पड़ने पर विराट कोहली से सलाह ले सकते हैं।”
पहले खिताब का इंतजार
साल 2021 सीजन के बाद कोहली ने आरसीबी की कप्तानी छोड़ दी थी। इसके बाद मेगा नीलामी में टीम ने साउथ अफ्रीका के फाफ डु प्लेसी को टीम में शामिल किया और उन्हें कप्तान भी बनाया। उनकी कप्तानी में भी टीम खिताब नहीं जीत सकी। कोहली की कप्तानी में भी टीम खिताबी सूखे को खत्म नहीं कर पाई थी। आरसीबी के फैंस को उम्मीद होगी कि रजत पाटीदार की कप्तानी में 17 साल का सूखा खत्म जाएगा।