भारत की महत्वाकांक्षा पर जोर देते हुए जयशंकर ने कहा कि हम दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे। उन्होंने कहा कि भारत की छवि मित्रतापूर्ण लेकिन निष्पक्ष है। आज का भारत आतंकवाद से बहुत अलग तरीके से निपटता है। उन्होंने कहा कि हम पर रूस से तेल न खरीदने का अंतरराष्ट्रीय दबाव था। भारत ने कहा कि हमारे हितों के लिए यह आवश्यक है कि हम तेल खरीदें।
विकसित भारत सिर्फ एक नारा नहीं, भारत के भविष्य के प्रति गंभीर प्रतिबद्धता है। विकसित भारत की हमारी यात्रा अगले 25 वर्षों की वास्तविकता है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह बात हंसराज कालेज के 75 वर्ष पूर्ण होने पर कालेज में विकसित भारत 2047 की संकल्पना विषय पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में कही।
जयशंकर ने कहा कि दुनिया हमें देख रही है। वे इन 25 वर्षों को नए अवसरों, नई प्रौद्योगिकी और नई चुनौतियों की अवधि के रूप में देखते है। प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी क्षमता पर चर्चा करते हुए जयशंकर ने कहा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमारे जीवन को बदल देगी। हम आज वास्तव में स्व-चालित कारों के बारे में बात कर रहे हैं और ड्रोन पर विचार कर रहे हैं, जो अब वास्तविकता बन गई है।
‘हम दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे’
भारत की महत्वाकांक्षा पर जोर देते हुए जयशंकर ने कहा कि हम दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे। उन्होंने कहा कि भारत की छवि मित्रतापूर्ण, लेकिन निष्पक्ष है। आज का भारत आतंकवाद से बहुत अलग तरीके से निपटता है। उन्होंने कहा कि हम पर रूस से तेल न खरीदने का अंतरराष्ट्रीय दबाव था।
‘हमारे हितों के लिए यह आवश्यक है कि हम तेल खरीदें’
भारत ने कहा कि हमारे हितों के लिए यह आवश्यक है कि हम तेल खरीदें और हमने इसे छिपाया नहीं। इसके बारे में हमने बहुत खुलकर और ईमानदारी के साथ बहुत ही साहसी तरीके से निर्णय लिया। आज विश्व में भावना यह है कि भारत एक ²ढ़ देश है, लेकिन यह निष्पक्ष देश भी है।
दिल्ली के हंसराज कॉलेज में हुआ संवाद कार्यक्रम का आयोजन
कार्यक्रम की अध्यक्ष और हंसराज कालेज की प्राचार्य प्रो. रमा ने इस दौरान महात्मा हंसराज के जीवन पर लिखित पुस्तक का विमोचन किया, वहीं भारत की वैश्विक छवि को अनवरत सशक्त करने के लिए विदेश मंत्री को कालेज के प्राचार्य व कार्यक्रम संयोजक डा. प्रभांशु ओझा ने महात्मा हंसराज गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।