कोरोना संकट काल के बीच माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की बैठक कुछ देर में होने वाली है. ये जीएसटी काउंसिल की 40वीं बैठक है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होगी. ये बैठक ऐसे समय में होने वाली है, जब देश कोरोना की मार झेल रहा है. ऐसे में बैठक के केंद्र बिंदु में कोरोना और इसका प्रभाव रहेगा.
इस बैठक में टैक्स रेवेन्यू पर कोविड-19 के प्रभाव की चर्चा होने की उम्मीद है. इसके अलावा राज्यों को मुआवजे के भुगतान की रूपरेखा पर फैसला हो सकता है.
वहीं शुक्रवार की बैठक में कांउसिल अगस्त, 2017 से जनवरी, 2020 के दौरान जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने के लिए विलंब शुल्क को माफ करने पर भी विचार करेगी.
हालांकि, इस बैठक में टैक्स स्लैब में बदलाव पर कोई चर्चा नहीं होगी, लेकिन जीएसटी के क्रियान्वयन से राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए पैसे जुटाने के तरीकों पर विचार होने की उम्मीद है. बता दें कि जीएसटी काउंसिल की आखिरी बैठक 14 मार्च को हुई थी.
इस बैठक में निर्मला सीतारमण ने कहा था कि केंद्र सरकार, राज्यों के मुआवजे की जरूरत को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज जुटाने की कानूनी वैधत पर गौर करेगी.
टैक्स कलेक्शन में कमी और जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की तारीख आगे बढ़ाने की वजह से सरकार ने अप्रैल और मई माह के जीएसटी संग्रह के आंकड़े जारी नहीं किए हैं.
इससे पहले मार्च महीने में जीएसटी कलेक्शन घटकर 97,597 करोड़ रुपये रह गया था. बीते दिनों वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया था कि जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों पर सही तस्वीर 30 जून तक ही मिल पाएगी.
इसकी वजह बताते हुए पांडेय ने कहा था, ‘‘जीएसटी रिटर्न जमा करने की तारीख आगे बढ़ाई गई है. हमने कहा है कि रिटर्न जून तक जमा कराए जा सकते हैं.
पांच करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले करदाताओं को भी अतिरिक्त समय मिला है. ’’ उन्होंने कहा कि ऐसे में समयसीमा बढ़ाए जाने के बाद राजस्व संग्रह की सही तस्वीर 30 जून तक ही उभरकर सामने आएगी.