स्त्रियों से जुड़े गुप्त अवगुण मंदोदरी को रावण ने बता दिए थे जैसा सब जानते है कि रावण में बेशक कितनी ही बुराइयां थी पर शास्त्रो से भी यह साफ़ होता है कि रावण अत्यंत ही बुद्धिमान थाl रावण की कई बुराइयो में से एक बुराई यह थी कि रावण स्त्रियों के प्रति बहुत जल्द ही आकर्षित हो जाता थाl स्त्री पर मोहित होने पर रावण उसको हर हाल में पाना चाहता थाl शास्त्रो के अनुसार रावण की इसी बुराई के कारण ही उसने माता सीता का हरण किया क्योकि रावण माता सीता के सौन्दर्य पर मोहित हो चूका थाlजब भगवान श्री राम ने माता सीता को वापस लाने के लिए लंका पर चढ़ाई की तो रावण की धर्म पत्नी मंदोरी काफी डर गयी थीl हालांकि डरी सहमी मंदोदरी ने रावण को काफी समझाया की वो माता सीता को भगवान राम को लोटा दे और उनसे माफ़ी मांग लेंl मंदोदरी की इन बातो को सुनकर पहले तो रावण खूब हंसा और उसने आगे मंदोदरी को कहा की…
नारि सुभाऊ सत्य सब कहहीं। अवगुन आठ सदा उर रहहीं।
साहस अनृत चपलता माया। भय अबिबेक असौच अदाया।
आपको बता दें कि अपने इसी दोहे को सुनाते हुए रावण ने पत्नी मंदोदरी को स्त्रियों के वो अनोखे आठ अवगुणों के बारे में अवगत किया था जिसे आप शायद ही जानते हो…
1. अत्याधिक साहस से भरपूर: आपको बता दें कि स्त्रियों के बारे में महान पंडित रावण ने कहा है कि स्त्रियों में अत्यधिक साहस होता हैl कई मौको पर वो इतना ज्यादा साहस दिखा देती है कि जिसके कारण बाद में उन्हें अपने सगे-सम्बन्धियो के आगे पछताना तक पड़ जाता हैl
इसी के साथ आगे रावण ने कहा कि अत्याधिक साहस होने के कारण स्त्रियाँ यह फैसला नहीं ले पाती है कि वो इस साहस का उपयोग किस जगह और किस तरह करे, बिना समझे प्रयोग किया गया यही अत्यधिक साहस दुःसाहस बन जाता हैl
2. ज्यादा जुठ बोलना: स्त्रियों की वाणी को लेकर रावण ने मंदोदरी को कहा कि स्त्रियों के अंदर दूसरा सबसे बड़ा अवगुण झूठ बोलने का होता हैl स्त्रियां सबसे ज्यादा झूठ बोलती है बात बात पर वो झूठ बोलती है और स्त्रियों की यही झूठ बोलने की आदत उनकी ज्यादातर परेशानियों का सबक बनती हैl
रावण के अनुसार ज्यादातर स्त्रियाँ एक बात हमेशा भूल जाती है कि झूठ ज्यादा दिन नहीं छुपता और एक ना एक दिन उनके झूठ का सच सामने आ ही जाता है जिसके कारण उनकी परेशानियाँ शुरू हो जाती हैl
3. हद से ज्यादा चंचलता: रावण के अनुसार स्त्रियों में चंचलता भाव पुरुषो से काफी अधिक होता है और यही कारण है कि स्त्रियाँ ज्यादा देर एक बात पर नहीं टिक पाती हैl स्त्रियों की इसी चंचलता के कारण उनके विचारो में बार बार बदलाव आता रहता है और वो विपरीत परिस्थितयो में सही निर्णय नहीं कर पाती हैl
4. माया की रचना करना: रावण ने मंदोदरी को चौथी बात बताते हुए कहा की स्त्रियाँ अपना मनचाहा काम करवाने के लिए माया रचती है और अपना कोई भी काम करवाने के लिए प्रलोभन देने से नहीं चुकती है वो अपना काम करवाने के लिए जल्दी ही रूठ भी जाती है और उतनी ही जल्दी से मनाती भी हैl यह एक प्रकार की माया ही हैl
5. जल्दी डर जाना: आपको बता दें कि रावण ने मंदोदरी को स्त्रियों से जुडी पांचवी बात बताते हुए कहता है कि कई मौको पर स्त्रियाँ बिना किसी कारण के भी अत्यधिक डर जाती है और उनके इस स्वभाव से उनके कई बने हुए काम भी आखिरी समय पर बिगड़ जाते हैl स्त्रियाँ बाहर से कितना भी साहस दिखाने की कोशिश करे पर कई मौको पर वो अंदर से बहुत ही डरी हुई होती हैl
6. अविवेक-पूर्ण स्वभाव: रावण के अनुसार कुछ खास परिस्थितियों में स्त्रियों का अविवेक स्वभाव उनसे मूर्खता वाले कार्य करवा डालता हैl उनके अनुसार स्त्रियों में ज्यादा धैर्य नहीं होता जिसके चलते वो ज्यादातर मामलों में अपना विवेक खो बैठती हैl और इसी बात का खामियाजा न केवल उन्हें बल्कि उनके साथ वालों को भी भुगतना पड़ता हैl
7. निर्दयता: रावण सातवी बात मंदोदरी को बताते हुए कहता है कि अगर स्त्री एक बार निर्दय हो जाए तो वो किसी भी हाल में दया दोबारा नहीं दिखाती हैl इसी के साथ रावण ने आठवी बात बताते हुए कि स्त्रियों में साफ़सफाई का भाव काफी कम होता हैl