कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से फरार मुख्य आरोपित विकास दुबे पर पुलिस का शिकंजा अब तेजी से कसता जा रहा है। करीब 60 पुलिस की टीमों के साथ उत्तर प्रदेश एसएटीएफ की टीमें भी विकास दुबे की खोज में लगी हैं। विकास के कई के सहयोगियों को हिरासत में लेने के बाद अब उसके फाइनेंसर जय वाजपेयी को एसटीएफ ने शिकंजे में लिया है।
एसटीएफ विकास के खजांची जय बाजपेयी को कानपुर से लेकर लखनऊ पहुंची हैं। लखनऊ में अब एसटीएफ की टीमें जय बाजपेयी से विकास दुबे के बारे में पड़ताल करेंगी। करीब हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक विकास दुबे का सारा काला कारोबार देखने का जिम्मा जय बाजपेयी के पास है। वह विकास दुबे की अघोषित संपत्तियों को ठिकाने लगाने के साथ उसका पैसा रियल इस्टेट तथा शराब के कारोबार में लगाता था।
कानपुर के बड़े कारोबारी माने जाने वाले जय बाजपेयी को विकास दुबे की फरारी के मामले में एसटीएफ पूछताछ के लिए लखनऊ लाई है। जय बाजपेयी ही विकास दुबे का फाइनेंसर बताया जा रहा है। जय बाजपेयी ने एक हफ्ते पहले विकास दुबे के खाते में 15 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। जय ने इस राशि को विकास से दो प्रतिशत ब्याज पर लिया था। जय ने विकास से 5.50 करोड़ रुपया लेकर किया को दिया था। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि जय बाजपेयी ने दुबई में 15 करोड़ में फ्लैट खरीदा है। जय बाजपेयी अभी लखनऊ में एसटीएफ की गिरफ्त में है।
कानपुर के विजय नगर में रविवार को मिलीं तीन लावारिस लग्जरी कारों से दहशतर्ग विकास दुबे और उसके गुर्गों को जिला पार कराने का शक जय बाजपेयी पर ही है। जय बाजपेयी वहां पर लावारिस मिली कारों का मालिक है। जय बाजपेयी ही विकास दुबे का बेहद करीबी है। एसटीएफ ने पहले उससे कानपुर में पूछताछ की और मंगलवार को लखनऊ लेकर आई है। जय बाजपेयी के खिलाफ बदमाशों के फरार होने में मदद करने का सुबूत मिलने पर कार्रवाई तय है। विजय नगर चौराहे के पास शनिवार रात बगैर नंबर प्लेट की एक ऑडी, एक वेरना और एक फॅार्च्यूनर कार खड़ी करके कुछ लोग फरार हो गए थे।
सात-आठ वर्ष में अकूत संपत्ति
विकास दुबे का फाइनेंसर जय बाजपेयी बीते सात-आठ वर्ष में अकूत संपत्ति का मालिक बन गया। प्रिंटिंग प्रेस में काम करने के एवज में महज चार हजार रुपया की पगार पाने वाला जय बाजपेयी अब विकास दुबे के नाम पर विवादित प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त करने के कारण हजार करोड़ का आसामी है। जय बाजपेयी जमीनों की खरीद-फरोख्त करता है। विकास दुबे के बल पर विवादित जमीने लेकर उनको ऊंचे दाम पर बेचने का काम करने वाला जय बाजपेयी मार्केट में ब्याज पर रुपए बांटने का काम भी करता है। वह अब दर्जनों फ्लैट के साथ 15 से अधिक मकान का मालिक है। उसके कानपुर के ब्रहम नगर में एक दर्जन से अधिक मकान हैं। इनके कई मकानों में दारोगा व सिपाही रहते हैं।
जय बाजपेयी ने कम समय में करोड़ों की संपत्ति बना ली है। इसके साथ ही उसका लखनऊ – कानपुर रोड पर एक पेट्रोल पम्प है। वह अवैध रूप से चल रहे पम्प का मालिक है। संपत्ति के मामले में जय और भाई रजय की कई बार जांच हुई। जांच में दोनों ही भू-माफिया बताए गए थे। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।