वाराणसी में मेयर की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में नगर निगम के दस्तावेज में नमो घाट को दर्ज करने की स्वीकृति दी गई। वहीं अवैध रूप से 37 आवास में रहने वालों को नोटिस देकर डीएम सर्किल रेट से किराया लिया जाएगा
नगर निगम के दस्तावेज में नमो घाट का नाम दर्ज किया गया। इसकी स्वीकृति बुधवार को नगर निगम में मेयर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में दी गई। नगर निगम अधिनियम 91 दो के तहत उपसभापति नरसिंह दास ने प्रस्ताव पेश किया कि भैंसासुर घाट से आदिकेशव घाट के बीच बने नए घाट का नाम नमो घाट किया जाए। आगे की कार्यवाही के लिए नगर आयुक्त अक्षत वर्मा को निर्देशित किया गया।
नगर निगम के आवासों में रह रहे आवंटियों के बारे में प्रस्ताव रखा गया। इसमें राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम के कुल 243 आवास हैं। इनमें वर्तमान में नगर निगमकर्मी के रूप में मात्र 55 आवंटी हैं। 66 आवासों में सेवानिवृत्त/ स्थानांतरित/ मृतक के परिवार रहते हैं। साथ ही 85 आवास, आम नागरिकों को आवंटित किया गया। 37 आवासों में अवैध रूप से लोग निवास कर रहे हैं।
राजस्व विभाग ने बताया कि आवंटियों को 15 वर्ष के लिए पूर्व में आवंटन के तहत अनुबंध किया गया है। इसकी समय सीमा पूरी हो चुकी है। सभी को नोटिस जारी किया जाए। बाजार दर और डीएम सर्किल रेट का परीक्षण कर नियमानुसार किराया निर्धारित किया जाए। मच्छोदरी में एक जमीन पर सीआरपीएफ का कब्जा है। इसे नोटिस देकर खाली कराया जाएगा।
नवविस्तारित इलाकों में 27.30 करोड़ से होगी जल निकासी की व्यवस्था
बैठक में बीएलडब्ल्यू परिसर क्षेत्र के पीछे नव विस्तारित वार्डों में जल निकासी की व्यवस्था पर चर्चा की गई। चांदमारी, मढ़ौली, मंडुवाडीह आदि कई नवविस्तारित क्षेत्रों में जलनिकासी की समस्या है। इसके लिए 27.30 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया। जिसे कार्यकारिणी समिति ने पारित किया।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में कार्यकारिणी सदस्यों में अमरदेव यादव, प्रमोद राय, गरिमा सिंह, मदन दूबे, श्याम आसरे मौर्य, अक्षयवर सिंह, हनुमान प्रसाद, सुशील कुमार गुप्ता, सुरेश कुमार के अलावा अपर नगर आयुक्तों में राजीव कुमार राय, सविता यादव, विनोद कुमार गुप्ता, संयुक्त नगर आयुक्त कृष्ण चंद्र, मुख्य अभियंता मोइनुद्दीन, महाप्रबंधक जलकल अनूप सिंह, सचिव ओपी सिंह शामिल रहे।