प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को परास्त करने की जोरदार तैयारी शुरू हो गई। प्रदेश के 317 केंद्रों पर स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी गई। लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीकाकरण अभियान का निरीक्षण भी किया। यहां पर चिकित्साकर्मियों को पहली डोज दी गई।
लखनऊ के साथ ही मेरठ, आगरा, अलीगढ़, गोरखपुर, बरेली, प्रयागराज, कानपुर, सहारनपुर, चित्रकूट धाम तथा मुरादाबाद मंडल में सुबह करीब 11 बजे से व्यापक अभियान शुरू किया गया। लखनऊ के संजय गांधी पीजीआइ में निदेशक डॉ. आरके धीमान ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई।
मुरादाबाद में महिला अस्पताल में पहला टीका मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमसी गर्ग को एएनएम रितु विश्नोई ने लगाया। बरेली में कोरोना वैक्सीन जिला महिला अस्पताल में फार्मासिस्ट अजय कुमार को लगाई गई। यहां आठ केंद्रों पर वैक्सीनेशन शुरू हुआ है। वाराणसी में कोरोना का पहला टीका महिला अस्पताल के एसएनसीयू में डीईओ (डाटा इंट्री आपरेटर) के पद पर कार्यरत अजीत कुमार मिश्रा को 11:12 मिनट पर लगा। इसके बाद दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में सीएमएस डा वीके शुक्ला को लगा। वाराणसी में टीकाकरण शुरू होने से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम दीनदयाल अस्पताल पहुंचीं।
आगरा में पहला टीका लेडी लायल अस्पताल में डॉक्टर विरेंद्र कुमार को लगा। मेरठ में मेरठ मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह को पहला टीका लगा। कानपुर में उर्सला तथा डफरिन के साथ कांशीराम अस्पताल में कोरोना का टीका लगाने का कार्य शुरू हुआ। बिधनू सीएचसी में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसपी यादव को पहली वैक्सीन की डोज दी गई। यहां पर डीएम आलोक तिवारी, सीएमओ अनिल मिश्र ने कांशीराम अस्पताल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव भाषण देखा। इस कार्यक्रम के बाद सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा ने टीका लगवाया।
प्रतापगढ़ में टीका लगने के बाद महिला डॉक्टर को आया चक्कर
प्रयागराज मंडल के अस्पतालों में कोरोना से जंग में टीकाकरण अभियान की शुरूआत शनिवार को उत्साह के साथ हुई। प्रयागराज में पहला टीका कॉल्विन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुषमा श्रीवास्तव को 11:03 बजे लगाया गया। इसके बाद ऑब्जरवेशन रूम में बैठाया गया है।
प्रतापगढ़ में पहला टीका जिला महिला अस्पताल में डाक्टर पारुल सक्सेना को लगाया गया। टीका लगाए जाने के बाद उन्हेंं चक्कर आ गया। तत्काल मेडिकल टीम उनके इलाज में जुट गई। उनको ऑब्जरवेशन रूम में लिटाया गया है। कौशांबी जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मूरतगंज आलम चंद के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील कुमार सिंह को पहला टीका लगाया गया।
पीएम मोदी बोले-भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीन की तुलना में बहुत सस्ती
देश को लोगों को कोरोना वैक्सीन समर्पित करने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों के साथ चिकित्सों तथा मेडिकल कर्मियों को नमन किया। देश को अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना की भारतीय वैक्सीन विदेशी की तुलना में बहुत सस्ती और इनका उपयोग भी बेहद आसान है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विदेश में तो कुछ वैक्सीन ऐसी हैं जिसकी एक डोज 5,000 हजार रुपये तक में हैं और जिसे माइनल 70 डिग्री तापमान में फ्रीज में रखना होता है। हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी। इसी कारण देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा, अफवाहें और दुष्प्रचार से बचकर रहना है।
उन्होंने कहा कि इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। दुनिया के सौ से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या तीन करोड़ से कम है और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही तीन करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। पहली और दूसरी डोज के बीच लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज लगने के दो हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध जरूरी शक्ति विकसित हो पाएगी। भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही तीन करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं लेकिन इतने कम समय में एक नहीं दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। कई और वैक्सीन पर भी तेज गति से काम चल रहा है। यह भारत के सामर्थ्य, वैज्ञानिक दक्षता और टैलेंट का जीता-जागता सबूत है। अब से कुछ ही मिनट बाद भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बधाई देता हूं।
उत्तर प्रदेश के हर जिले में कोविड वैक्सीन
उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कोविड टीकाकरण को लेकर जोरदार तैयारी है। भारत में बनी दोनों वैक्सीन प्रदेश के हर जिले में पहुंच गई हैं। उत्तर प्रदेश भी आज विश्व के सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान का भागीदार बना है। प्रदेश में टीकाकरण के पहले चरण में जिलों में हेल्थवर्कर्स को वैक्सीन मिली है। उत्तर प्रदेश में कुल 317 सेंटर बनाए गए है और आज 31,700 स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण होगा। योगी आदित्यनाथ सरकार का मिशन तीन दिन में स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाने का है। राजधानी लखनऊ में पहले चरण में 12 केंद्र पर टीकाकरण होगा। सभी टीकाकरण केंद्र को इंटीग्रेडेड कमांड सेंटर से जोड़ा गया है। हर दो घंटे पर सभी केंद्र को कमांड सेंटर को सूचना देनी होगी। प्रदेश में दस लाख 55 हजार 500 कोविशील्ड और 20,000 कोवैक्सीन के इंजेक्शन मिले हैं। प्रदेश के 8 लाख 57 हजार स्वास्थ्यकर्मियों के नाम सूचीबद्ध किए गए हैं। स्वास्थ्यकर्मियों में हर श्रेणी के लोग शामिल हैं। इनमें डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मी के साथ ही वार्ड ब्वाय भी शामिल हैं।
सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में 1,298 कोल्ड चेन प्वाइंट सेंटर : कोरोना वैक्सीन रखने के लिए प्रदेश में बनाए गए 1,298 कोल्ड चेन प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे के साथ पुलिस बल भी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। कहीं किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी न हो, इसके विशेष इंतजाम किए गए हैं।
वैक्सीन लगने के बाद आधा घंटा निगरानी में रहेंगे लाभार्थी : कोरोना टीकाकरण केंद्रों पर तीन कमरे बनाए गए हैं। पहले कमरे में लाभार्थियों का सत्यापन होगा, दूसरे कमरे में वैक्सीन लगाई जाएगी और तीसरे निगरानी कक्ष में लाभार्थी को आधे घंटे आब्जर्वेशन में रखा जाएगा। यदि किसी को कोई दुष्प्रभाव होता है तो उससे बचाने के लिए एनाफाइलेक्सिस किट मौजूद रहेगी।
दूसरी डोज 28 दिन के बाद: प्रदेश में आज जिनको कोविड वैक्सीन की डोज लगाई जाएगी, उनको दूसरी डोज 28 दिन के बाद दी जाएगी। पहला टीका लगाए जाने के 28वें दिन दूसरा टीका लगाया जाएगा। इसके बाद 14 दिन में वायरस से लड़ की प्रतिरोधक क्षमता पैदा होगी। कोविड वैक्सीन के लिए प्रदेश में हर केंद्र में कोल्ड चेन पूरी तरह तैयार हैं। हर केंद्र में पहले चरण में सौ-सौ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसकी दूसरी डोज 28 दिन बाद लगाई जाएगी।