इस्लाम की इमारतों और धार्मिक स्थलों पर अर्धचंद्र और सितारों वाला हरा झंडा फहराने पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए दायर की गई याचिका के बारे में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस मामले की सुनवाई मसले से जुडी उचित पीठ द्वारा की जाएगी. उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी की याचिका सोमवार को जस्टिस एनवी रमणा और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई थी.
इस पर अदालत ने कहा था कि इस याचिका को उन जजों के सामने रखा जाना चाहिए, जिन्हे जनहित याचिकाओं की सुनवाई का कार्य दिया गया हो. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से जस्टिस रमणा ने कहा, ‘हमारे पास जनहित याचिकाओं का रोस्टर नहीं है, इसे उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें.
याचिका में रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम इलाकों में लगे हुए चाँद-तारे वाले हरे झंडे को प्रतिबंधित करने की मांग की है, उनका कहना है कि इसी झंडे कि वजह से हिन्दू-मुस्लिम में बैरभाव उत्पन्न हो रहा है. उन्होंने इस झंडे को बैन करने की मांग करते हुए कहा कि यह कभी इस्लामिक परंपरा का हिस्सा नहीं रहा है और न ही इसकी इस्लाम में कोई भूमिका या महत्व है.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal