वसंत पंचमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू का त्योहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। इस साल यह पर्व 30 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस पर्व को मुख्य रूप से वसंत यानि नई फसलों या पेड़ों पर फूल आने का दिन माना जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार पूरे वर्ष को छह ऋतुओं में बांटा गया है। ग्रीष्म ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु, शिशिर ऋतु, वर्षा ऋतु और वसंत ऋतु। सरस्वती पूजा का मौसम बसंत ऋतु का माना गया है। इस मौसम में कई तरह के फूल खिलते हैं। वसंत ऋतु में पेड़ों और पौधों पर नई कोंपलें निकलती हैं। हिन्दू धर्म में इस दिन का खास ही महत्व है। मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान बढ़ता है। वसंत पंचमी दिन स्नान का भी खास महत्व माना जाता है। हालाकि, इस दिन कुछ चीजें ऐसी भी है जिनको भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

– वसंत पंचमी के दिन काले और लाल रंग के वस्त्रों को ना पहने, देवी सरस्वती की कृपा पाने के लिए पीले रंग के कपड़े पहनने का अधिक महत्त्व है।
– इस दिन केवल सात्विक भोजन करे, मांस-मदिरा का सेवन ना करें
– वसंत पंचमी के दिन पेड़ों या फसल को नहीं काटना चाहिए।
– इस दिन गुस्सा करने से बचें और अपनी वाणी पर सयम रखे। अनजाने में भी किसी के लिए अपशब्द ना बोले।
वसंत पंचमी की पूजा विधि
सुबह-सुबह नहाकर मां सरस्वती की वंदना करें। पूजा स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबें रखें और बच्चों को भी अपने साथ पूजा स्थल पर बैठाएं। मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें और हरे, पीले रंग के फल चढ़ाएं। मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप हल्दी की माला से करना सर्वोत्तम होगा। इस दिन पीले चावल या पीले रंग का भोजन करें।
सरस्वती पूजन में इन चीजों का करे इस्तेमाल
पीली बूंदी
जब बात पूजा की हो रही है तो देवी को प्रसाद का भोग लगाए बगैर पूजा अधूरी है। मां सरस्वती को पीले रंग की बूंदी बहुत प्रिय है। देवी सरस्वती को पीली बूंदी अर्पित करने से आपके जीवन में आने वाली हर बाधा दूर होती है।
पीले वस्त्र
पूजा करते वक्त यदि आप खुद भी पीले वस्त्र पहनें तो और भी शुभ होगा।
पीला रंग
मां सरस्वती को पीला रंग बहुत प्रिय है। ऐसे में इस दिन पूजा की थाली में पीले रंग के फूल जरुर रखें। पीले फूलों के साथ केसर और हल्दी भी जरुर रखें। ऐसा करने से मां सरस्वती की अपार खुशी आप और आपके परिवार पर सदैव बनी रहेगी। खासतौर पर बच्चों के ज्ञान और पति के कारोबार मे तरक्की मिलेगी।
कॉपी-पेन
अगर संभव हो सके तो इस खास दिन मां सरस्वती को चांदी का एक पेन जरुर अर्पित करें। ऐसा करने से आपकी आने वाली पीढ़ियों के कर्मों में शिक्षा का अभाव नहीं होगा।
केसर का तिलक
पूजा के बाद परिवार का हर सदस्य केसर का तिलक जरुर लगाएं। अगर केसर में पीला चंदन मिला लें तो वास्तु के अनुसार यह आपके परिवार के लिए काफी शुभ होगा। केसर और चंदन को मिलाकर बना तिलक लगाने से परिवार में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है।
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