वजन 200KG, उम्र 10 साल, 04 वयस्क के बराबर खाता है, दुनिया का सबसे मोटा बच्‍चा है ये…

पाकिस्‍तान का दस साल का बच्‍चा जिसका वजन लगभग दो सौ किलोग्राम हो गया है। इस कारण वह विश्‍व के सबसे भारी-भरकम बच्‍चों में शामिल हो गया है। उसे बचाने के लिए उसकी सर्जरी जरूरी हो गई है। पाकिस्‍तान का मोहम्‍मद अबरार चार वयस्‍क के बराबर भोजन करता है। इसके बाद भी उसे खड़े होने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जब वह पैदा हुआ तो वह 3.6 किलोग्राम था। इसके बाद उसका वजन लगातार बढ़ता गया। जब वह छह महीने का हुआ तो उसका वजन लगभग 20 किलोग्राम हो गया। उसके डॉक्‍टर ने कहा कि वह विश्‍व का सबसे मोटा बच्‍चा है। यहां तक कि उसका वजन इंडोनेशिया के आर्य परमाना से भी अधिक है। तीन साल पहले इंडोनेशिया के इस लड़के का वजन दस साल की उम्र में 190 किलो से अधिक है। उसके माता-पिता जिनके दो बच्‍चे हैं का कहना है कि मोहम्‍मद एक नवजात के रूप में हमेशा भूखा रहता था। यह बच्‍चा बड़े भाई-बहनों की तुलना में पांच गुना अधिक दूध पीता है। वह इतना मोटा है कि उसका मां जरीना उसकी नैपी अकेले नहीं बदल सकती है। उसके वजन के अनुसार, स्‍पेशल तरीके से बेड बनाया गया है।

उसकी मां का कहना है कि जन्‍म के समय उसका वजन 3.6 किलो था, लेकिन उसका वजन बढ़ना कभी नहीं रुका। जब वह एक साल का था तो दो लीटर दूध पीता था। यह लगता था कि जैसे उसका पेट कभी नहीं भरा। वह हमेशा ज्‍यादा खाने के लिए चिल्‍लाता था। उसको उठाने में मुझे परेशानी का सामना करना पड़ता था। उसकी लंगोट को बदलने के लिए उसके लिए अलग प्रकार का बेड और स्‍पेशल झूला बनाना पड़ा। यहां तक कि उसके चलने और बैठने जैसी बुनियादी गतिविधियों में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। तीन भाई-बहन होने के बावजूद पांच साल की उम्र में मोहम्मद अबरार उनके साथ नहीं खेल सकता, क्योंकि वह एक समय में तीन से अधिक कदम नहीं उठा सकता। उसकी दो बहनें और एक भाई हैं। तीन कदम नहीं उठाने के कारण वह स्‍कूल भी नहीं जा सका, लेकिन उसके मां-पिता को उम्‍मीद है कि मोहम्‍मद अब सामान्‍य जिंदगी जी सकेगा और उसके उसका सामान्‍य वजन होगा। देश के सबसे प्रमुख बैरिएट्रिक सर्जन माजुल हसन उसका जीवन बचाने के लिए ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए हैं।

अबरार के पिता का कहना है कि हमने मोटापे के बारे में कभी नहीं सुना था। जब वह बच्‍चा था तो काफी सुंदर था। हम उसके ढांचे को लेकर उस पर गर्व करते थे, लेकिन जब वह छह साल का हुआ तो वह लगभग सौ किलोग्राम वजन हो गया और चार वयस्‍कों के बराबर भोजन करता था। अबरार के माता-पिता ने उसे जंक फूड न खिलाने का जागरूकता पूर्ण निर्णय लिया है, लेकिन वह आसानी से एक ही बार में चिकन करी के साथ चार प्लेट चावल या 10 चपाती खा सकता है। उनका कहना है कि उनकी भूख कभी समाप्‍त नहीं हुई। जो भी मैं पकाता, वह आधा खाना खत्म कर देता है। बाकी बचे खाने में हम पांचों ने खाया। अबरार के भयभीत माता-पिता उसे चिकित्सकीय सहायता लेने के लिए कई डॉक्टरों के पास ले गए। उसे सख्त आहार पर रखा गया, लेकिन किशोर अबरार अपनी भूख के कारण अक्सर उस आहार के नियमों का पालन नहीं कर सका। हताश माता-पिता अंत में दो महीने पहले डॉ. माजुल से मिले, जिन्होंने उन्हें बैरिएट्रिक सर्जरी के माध्यम से वजन घटाने की प्रक्रिया को दिखाया जिसमें एक गैस्ट्रिक बैंड का उपयोग करके पेट के आकार को कम किया जा सकता है।

उसकी मां ने कहा कि सही इलाज के लिए हम दर-दर भटके। हमने कभी भी चिकित्सीय सहायता प्राप्त करने की आशा नहीं खोई। मुझे खुशी है कि आखिरकार अबरार ऑपरेशन की मदद से एक सामान्य जीवन जी सकेगा। हम यह समझ रहे हैं कि उसका रोग ज्‍यादा खाना खाने की वजह से है और उसका अलग से इलाज करने की जरूरत है। मुझे उम्‍मीद है कि डा. माजुल के ऑपरेशन के बाद अन्‍य मरीजों की तरह अपना वजन कम कर सकेगा। मुझे उम्मीद है कि उचित आहार, व्यायाम, तैराकी और खेल जैसी गतिविधियों के साथ उसका एक दिन सामान्य वजन होगा। डा. माजुल का कहना है कि जब वह मेरे पास आया था तो वह तीन कदम भी नहीं चल पाता था। वह मोटा बच्‍चा है, जबकि उसके परिवार में मोटापे का कोई इतिहास नहीं है। उसके माता-पिता और दो भाई-बहन बिल्कुल सामान्य हैं। अबरार एक लेप्रोस्कोपिक स्लीव सर्जरी से गुजरेगा, जिसमें शुक्रवार को भोजन का सेवन प्रतिबंधित करने के लिए पेट के बाहरी हिस्से को हटा दिया जाता है।

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