‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ को मिली हरी झंडी, दिल्ली-कटरा के बीच चलेगी, जानिए क्या है अलग इस ट्रेन मे…

रेल मंत्रालय ने अपनी सबसे लोकप्रिय ट्रेन ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ के दूसरे रेक को दिल्ली से कटरा के बीच चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए रेलवे संरक्षा आयुक्त की हरी झंडी मिल गई है। यह ट्रेन नई दिल्ली से कटरा और कटरा से नई दिल्ली से बीच सप्ताह में 5 दिन चलेगी। कश्मीर में हालात सामान्य होते ही इस ट्रेन के संचालन की तिथि की घोषणा की जा सकती है।

वंदे भारत की अधिकतम रफ्तार 130 किलोमीटर, जबकि औसत रफ्तार 82 किमी प्रति घंटा होगी। दिल्ली से लुधियाना के बीच ये ट्रेन 120-130 की रफ्तार से चलेगी। जबकि लुधियाना से कटरा के बीच इसकी रफ्तार 75-80 किलोमीटर रहेगी। इस तरह दिल्ली-कटरा का इसका पूरा सफर 82 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत रफ्तार से पूरा होगा।

दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस में 16 कोच लगाए जाएंगे। इसमें बैठने के लिए कुल 1128 सीटें हैं। इसमें सामान्य चेयर कार के 14 डब्बे होंगे, जिनमें 936 सीटें होंगी। जबकि दो एग्जीक्यूटिव चेयर कार में 104 सीट होंगी। नई दिल्ली से कटरा तक का चेयर कार का किराया क़रीब 1600 रुपये होगा। जबकि एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 3000 रुपये के आसपास रखा गया है।

दिल्ली-कटरा वंदे भारत नई दिल्ली से सुबह 6 बजे चलेगी और दोपहर 2 बजे श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा स्टेशन पहुंचेगी। वापसी में यह ट्रेन दोपहर बाद 3 बजे कटरा से चलेगी और रात 11 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी। बीच में अंबाला कैंट, लुधियाना और जम्मू तवी में इसके स्टापेज होंगे।

पहली वंदे भारत एक्सप्रेस नई दिल्ली से बनारस के बीच चल रही है। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 17 फ़रवरी को नई दिल्ली स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इस ट्रेन को यात्रियों ने काफी पसंद किया है। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली से बनारस के बीच दोनो तरफ इसकी सारी सीटें फुल रहती हैं। और मांग हमेशा 15-20 फीसद ज्यादा रहती है।

इसकी लोकप्रियता को देखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में इस ट्रेन का ज़िक्र ये कहते हुए किया था कि आजकल स्टेशन बनते ही लोग पूछने लगते हैं वंदे भारत हमारे यहां कब आ रही है।

दूसरी वंदे भारत भी चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में ही तैयार हुई है। इसका ट्रायल पिछले महीने ही कंप्लीट हुआ था जो पूरी तरह सफल रहा। ट्रायल खत्म होने के बाद रेलवे बोर्ड के सदस्य, यातायात ने कहा था कि अब इसे संरक्षा आयुक्त की हरी झंडी के बाद चलाया जाएगा।

संरक्षा आयुक्त ने लुधियाना और कटरा के भी ट्रैक को 130 किमी की स्पीड के लिए अनुपयुक्त बताया है और सुधार के सुझाव दिए हैं। यही वजह है कि फिलहाल लुधियाना-दिल्ली के बीच ट्रेन को सिर्फ 75 किमी की रफ्तार पर चलाने का फैसला हुआ है।

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