लोहिया संस्थान में 71 डॉक्टरों की भर्ती होगी। आरक्षण का मसला सुलझने के बाद संस्थान में डॉक्टरों की भर्ती की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। संस्थान प्रशासन ने दो माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का दावा किया है।
संस्थान व अस्पताल को मिलाकर 1017 बेड हो गए हैं। संस्थान में करीब 150 डॉक्टर हैं। वहीं अस्पताल में 43 डॉक्टर हैं। संस्थान में करीब 71 डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं। आरक्षण का रोस्टर तय नहीं हो पा रहा था। लंबी जद्दोजहद के बाद आरक्षण का रोस्टर तय हुआ। अब संस्थान के कुल पदों पर आरक्षण तय होगा। अभी तक विभागवार आरक्षण लागू था।
संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने बताया कि कई विभागों में डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं। सभी का ब्यौरा एकत्र कर लिया गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग से आरक्षण के नए नियम का आदेश नहीं आया है। आदेश मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। दो से तीन माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।
15 विभागों में होगी एमडी व एमएस की पढ़ाई
लोहिया अस्पताल का संस्थान में विलय के बाद 15 नए विभागों में एमडी व एमएस की पढ़ाई होगी। इन पाठ्यक्रम की मान्यता के लिए 2021 में आवेदन किया जाएगा। एमएस कोर्स पहली बार शुरू होगा। अभी पांच विभागों में एमडी के पाठ्यक्रमों में दाखिले हो रहे हैं।
2021 में करेंगे आवदेन
लोहिया संस्थान में एमबीबीएस की सीटें 150 बढ़कर 200 हो गई हैं। ऐसे में संस्थान में संचालित 15 विभागों में एमडी-एमएस पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। अभी सिर्फ पांच विभागों में एमडी की पढ़ाई हो रही है। संस्थान के अफसरों का कहना है कि एमबीबीएस का पहला बैच 2021 में डिग्री लेकर निकलेगा। मेडिसिन काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के नियमों के तहत पहला बैच निकलने के बाद ही पीजी पाठ्यक्रमों में आवेदन किया जा सकेंगे।
इन विभागों में होगी पढ़ाई
मेडिसिन, सर्जरी, ईएनटी, पीएमआर, आर्थोपैडिक्स, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, पीडियाट्रिक, त्वचा, रिस्पेरेटरी मेडिसिन, कम्युनिटी मेडिसिन, फॉरेंसिक मेडिसिन, फार्मोकोलॉजी, एनॉटमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री विभाग में पीजी की पढ़ाई होगी। प्रत्येक विभाग में चार सीटों के लिए आवेदन किया जाएगा।