पंजाब के शाही शहर पटियाला के लोग अब रफलां (बंदूकें) रखने के शौकीन हो गए हैं। पहले बादलों का इलाका बठिंडा इसमें आगे था, लेकिन अब यह ताज पटियाला के सिर सजा है। वीआईपी शहर मोहाली व अन्य जिले इस मामले में काफी पीछे हैं। लोकसभा चुनाव के चलते निर्वाचन आयोग भी सख्त हो गया है। पुलिस ने हथियारों की पड़ताल शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में जब तक चुनाव नहीं होते हैं, तब तक ये हथियार थानों में जमा होंगे।
पंजाब सरकार के रिकार्ड के मुताबिक, इस समय सूबे में करीब 3.61 लाख असलहा लाइसेंसी है। बठिंडा जिले में किसी समय सबसे ज्यादा लाइसेंस होते थे। बठिंडा छावनी के जवानों व अफसरों ने लाइसेंस बनाए हुए थे, लेकिन अब वह शिफ्ट हो चुके हैं। पटियाला जिले में 20867 तो बठिंडा में 20325 लाइसेंसी हथियार हैं। इसके बाद फिरोजपुर जिले की बारी आती है। वहां पर 20132 लाइसेंसी हथियार हैं।
सीमावर्ती जिला तरनतारन हथियारों के लाइसेंस के मामले में चौथे नंबर पर है। वहां पर 18743 लोगों ने अपने असलहा लाइसेंस बनाए हुए हैं। वहीं, मुक्तसर में 18518 और मोगा में 17990 लाइसेंसी हथियार हैं। इसके अलावा मानसा में 9404, बरनाला में 8092, अमृतसर में 11940, फरीदकोट में 12538, लुधियाना में 8422, जालंधर में 5770, मोहाली में 5943 और जिला फतेहगढ़ साहिब में 5705 हथियारों के लाइसेंस हैं।