लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से करवाने के लिए मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने केंद्र से अर्द्धसैनिक बलों की 200 कंपनियां मांगी हैं। इनमें से अभी सिर्फ 15 कंपनियां ही पहुंची हैं। अतिरिक्त मुख्य चुनाव निर्वाचन अधिकारी हेमा शर्मा ने बताया कि हरियाणा में 25 मई को चुनाव होने है।
हरियाणा में 10 हजार 363 स्थानों पर कुल 19 हजार 812 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इनमें गांवों में 7,963 स्थानों पर 13,588 पोलिंग बूथ और शहरों के 2400 स्थानों पर 6,224 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने बताया, प्रदेश में छठे चरण में 25 मई 2024 को चुनाव होना है। 29 अप्रैल को इस संबंध में अधिसूचना जारी हो जाएगी।
इसकी तैयारियां अंतिम चरण में है। 6 मई को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। 7 मई को नामांकन की समीक्षा होगी। 9 मई तक उम्मीदवार अपने नामांकन वापस ले सकते हैं। इसके साथ ही राजनीतिक दलों को नामांकन के लिए दिशा-निर्देश भी जारी हो चुके हैं। नामांकन दाखिल करने के दिन सुबह 11 बजे से पहले सार्वजनिक सूचना चस्पा की जाएगी। यह अंग्रेजी और राज्यों की आधिकारिक भाषा में होगी।
200 कंपनियां मांगी, अभी तक सिर्फ 15 कंपनियां पहुंची
लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से करवाने के लिए मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने केंद्र से अर्द्धसैनिक बलों की 200 कंपनियां मांगी हैं। इनमें से अभी सिर्फ 15 कंपनियां ही पहुंची हैं। अतिरिक्त मुख्य चुनाव निर्वाचन अधिकारी हेमा शर्मा ने बताया कि हरियाणा में 25 मई को चुनाव होने है, उससे पहले अर्द्ध सैनिक बलों की कंपनियां पहुंच जाएंगी। हालांकि पिछली बार भी हरियाणा ने 200 कंपनियां मांगी थी, मगर केंद्र ने सिर्फ 95 कंपनियां ही दी गई थी।
प्रचार सामग्री पर आपत्तिजनक भाषा तो छपवाने व छापने वाले पर होगी कार्रवाई
प्रचार सामग्री का प्रकाशन करने के लिए पोस्टर या पंफ्लेट पर प्रकाशक, प्रकाशन करवाने वाले का नाम और प्रतियों की संख्या छपी होना जरूरी है। प्रिंटिंग प्रेस संचालक एनेक्सचर फॉर्म वन और बी भरकर यह भी स्पष्ट करेंगे कि प्रचार की सामग्री किस प्रैस से छपवाई गई और इस सामग्री को छपवाने वाला कौन है। साथ ही कितनी प्रतियां छापी गई है, यह ब्यौरा भी प्रेस संचालकों को देना होगा।
इसके साथ चुनाव प्रचार की सामग्री को प्रकाशित करने से पहले प्रेस संचालक इस बात की जांच कर लें कि प्रचार सामग्री की भाषा और विषयवस्तु में कोई आपत्तिजनक शब्द तो नहीं है। प्रचार सामग्री की भाषा किसी व्यक्ति या दल के प्रति अपमानजनक नहीं होनी चाहिए। यदि इस बारे कोई शिकायत पाई गई तो प्रकाशन करवाने वाले और प्रकाशक दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही हैंडबिल, पंफ्लेट, पोस्टर, बैनर इत्यादि छापने का पूर्ण विवरण प्रेस संचालक अपने पास रखेंगे। इसे निर्वाचन विभाग की ओर से कभी भी मांगा जा सकता है।