राफेल विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच तलवारें खिंच चुकी हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कांग्रेस के सभी नेता मोदी सरकार पर हमलावर हैं. कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि सरकार लोकपाल विधेयक को केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बचाने के लिए लागू नहीं कर रही है, जो शायद राफेल लड़ाकू विमान सौदे में ‘सबसे पहले’ आरोपी होंगे.
अंतरिम बजट 2019-20 पर चर्चा के दौरान, कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने कहा कि सरकार का रक्षा आवंटन चीन के रक्षा आवंटन का केवल पांचवां हिस्सा है.
मोइली ने कहा, “इसका 20 प्रतिशत हिस्सा राफेल के लिए जाएगा और इसने उनकी कमजोरी उजागर कर दी है. मुझे लगता है कि यह सरकार इसीलिए लोकपाल विधेयक लागू नहीं कर रही है. अब यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि अगर यह लागू किया गया तो हो सकता है प्रधानमंत्री इसके पहले आरोपी होंगे, इसलिए वह डरे हुए हैं. इसलिए मामले में कोई JPC नहीं बिठाई गई.”
पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली ने कहा, “प्रधानमंत्री आज बच सकते हैं, लेकिन कल नहीं.” मोइली ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री सब पर प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो का इस्तेमाल कर रहे हैं. मोइली ने हालांकि कहा कि वह राफेल या किसी अन्य हथियार को खरीदने के खिलाफ नहीं हैं.
उन्होंने कहा, “आप HAL जैसे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को दरकिनार नहीं कर सकते, जिसके पास 70 वर्षो की विशेषज्ञता है. इस सरकार का खुद का कानून मंत्रालय कहता है कि एक गारंटी होनी चाहिए.
आपको बता दें कि हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार द्वारा जारी की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस सरकार पर हमलावर हैं. सोमवार को लखनऊ में निकले रोड शो में भी प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी ने राफेल के कटआउट को लहराया था, और ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगवाए थे.