लॉक डाउन के दौरान पुलिस के अनेक पक्ष उभर कर सामने आ रहे है।वह कभी बुजुर्ग को दवाईयां उपलब्ध करा रही है तो कभी किसी पेंशनधारी को बैंक के कामकाज निपटाने के लिए स्पेशल अनुमति दे रही है।
लेकिन सोमवार रात्रि पुलिस का जो रूप जोधपुर में देखने को मिला उसने आम जन में पुलिस की छवि को सुधारा ही नही बल्कि एक नया रूप भी प्रस्तुत किया।
जोधपुर आयुक्तालय पुलिस ने पेश की मानवीयता की अनूठी मिसाल जोधपुर के आखलिया चौराहे पर बाड़मेर से आ रही एम्बुलेंस के खराब हो जाने पर उसमे प्रसव पीड़ा झेल रही महिला की वहां तैनात महिला पुलिस कांस्टेबल ने ही वेन के इर्द गिर्द टेंट कनात लगाकर चौराहे पर ही डिलीवरी करवा दी। बाद में उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया। महिला ने एक बेटी को जन्म दिया है। जच्चा बच्चा दोनो ही स्वस्थ हैं।
पुलिस आयुक्त ( डीसीपी) वेस्ट प्रीति चंद्रा ने बताया कि गांव नागाणा (पुलिस थाना – मण्डली जिला – बाड़मेर) का एक राजपूत परिवार महिला के डिलिवरी के लिए जोधपुर आ रहा था, और जोधपुर के आखलिया चौराहे पर अचानक एम्बुलेंस कार खराब हो गई और उसी समय महिला को दर्द शुरू हो गया ।
जिसको लेकर निकटतम अस्पताल की सूचना भी दी गयी, लेकिन स्थिति को बिगड़ते देख मोके पर तैनात महिला ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने मौके पर ही प्रसव करवाने की पहल की।
चौराहे पर खड़े सभी पुलिस अधिकारी, DCP पश्चिम प्रीति चंद्रा के नेतृत्व में तुरंत ट्रैफिक पुलिस की शक्ति टीम की महिला कांस्टेबल सुशीला 949 और सुगना 2881 की सहायता से कार के चारों तरफ़ चौराहे पर लगे हुए टेंट की कनात को हटवाकर लगाया गया, और चौराहे पर कार में ही महिला की डिलेवरी करवाई गई। लेडी कांस्टेबलों ने हीम्मत दिखाते हुए चौराहे पर महिला नेनु कंवर का सुरक्षित प्रसव करवाया।
इसके बाद चौराहे पर पहुची डॉक्टरों की टीम ने उनकी जांच कर दोनो को डऊकिया अस्पताल में भर्ती किया, जहा जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ है।
बाड़मेर निवासी राजपुत परिवार की गर्भवती महिला नेनु कंवर ने एक स्वस्थ बालिका को जन्म दिया है।जहां डीसीपी ने पहुंचकर उनकी कुशलक्षेम पूछी।