शुक्रवार को एडिशनल सेशन जज डॉ. अजय अत्री ने 13 पुलिसकर्मियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। इनमें सब इंस्पेक्टर दर्शन सिंह, हेड कांस्टेबल कुलदीप सिंह, जय कृष्ण, हेड कांस्टेबल अमरीक सिंह, बलदेव सिंह, मिल्खा सिंह, अमरीक सिंह, पलविंदर सिंह, राकेश कुमार, जसविंदर सिंह, सरताज सिंह व एसपीओ प्रेम सिंह सहित कांस्टेबल अमरीक सिंह शामिल हैं।
लॉटरी विक्रेता सुभाष कैटी को लुधियाना की कोर्ट से 20 साल बाद आखिरकार इंसाफ मिला। सुभाष कैटी और उनके दोस्त स्वर्गीय बिट्टू चावला ने साल 2003 में थाना डिवीजन नंबर छह में तैनात 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिश्वत लेने और परेशान करने की शिकायत दी थी। आरोप है कि उनसे पुलिसवाले रिश्वत की मांग करते और न देने पर कई झूठे केस दर्ज कर दिए गए। लंबे समय से यह मामला कोर्ट में चल रहा था।
शुक्रवार को एडिशनल सेशन जज डॉ. अजय अत्री ने 13 पुलिसकर्मियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। इनमें सब इंस्पेक्टर दर्शन सिंह, हेड कांस्टेबल कुलदीप सिंह, जय कृष्ण, हेड कांस्टेबल अमरीक सिंह, बलदेव सिंह, मिल्खा सिंह, अमरीक सिंह, पलविंदर सिंह, राकेश कुमार, जसविंदर सिंह, सरताज सिंह व एसपीओ प्रेम सिंह सहित कांस्टेबल अमरीक सिंह शामिल हैं। इसी केस के एक अन्य मामले में चार-चार साल की सजा अलग से सुनाई गई है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों मामले में कुल 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। शिकायतकर्ता सुभाष कैटी ने बताया कि पुलिस ने उन पर झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया था। इस पर उन्होंने व उसके दोस्त मृतक बिट्टू चावला ने कानूनी लड़ाई लड़ी और कोर्ट में केस कर दिया।
यह है मामला
सुभाष कैटी ने बताया कि 2003 में वह और उसका दोस्त बिट्टू चावला लॉटरी का काम करते थे। थाना डिवीजन नंबर छह के कुछ पुलिस कर्मचारी उन्हें रोज परेशान करते थे। उनसे रिश्वत की मांग करते और बाद में तंग भी करते थे। इसके बाद उन्होंने दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगवा लिए। पुलिस कर्मचारी जब उनसे पैसे लेते थे तो उनका वीडियो रिकॉर्ड होता गया। पुलिस कर्मी 500 रुपये से चार हजार तक रिश्वत लेते थे। जांच के दौरान उन्हें काफी परेशान किया गया। उनके दोस्त बिट्टू चावला पर हमला भी कराया गया। कई झूठे केस दर्ज कर दिए गए। इसी टेंशन के कारण बिट्टू चावला की मौत हो गई थी।