दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर झंडा लगाने वाला युवक जुगराज सिंह पंजाब के तरनतारन के गांव वां तारा सिंह का रहने वाला है। मध्यमवर्गीय परिवार का बेटा जुगराज ढाई वर्ष पहले चेन्नई स्थित निजी कंपनी में काम करने गया था, लेकिन पांच माह बाद ही लौट आया था। इसके बाद खेती का काम देखने लगा।

ग्रामीणों के अनुसार, जुगराज सिंह मैट्रिक पास है। 24 जनवरी को गांव से दो ट्रैक्टर ट्रालियां किसान आंदोलन के लिए दिल्ली रवाना हुई थीं। जुगराज सिंह भी उनके साथ दिल्ली गया था। 26 जनवरी को टीवी पर खबर देखकर हैरानी हुई कि लाल किले पर झंडा लगाने वाला युवक जुगराज सिंह उन्हीं के गांव का है। 26 जनवरी की रात को दस बजे पुलिस की टीम जुगराज सिंह के घर पहुंची थी और परिवार से पूछताछ भी की थी।
टीवी और सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो से परिवार और ग्रामीणों ने उसकी पहचान की। यह जानकारी सामने आते ही पुलिस ने परिवार से पूछताछ की। हालांकि अब जुगराज सिंह के पिता बलदेव सिंह, मां भगवंत कौर अपनी तीनों बेटियों के साथ भूमिगत हो गए हैं।
जुगराज सिंह के दादा महिल सिंह और दादी गुरचरण कौर ने बातचीत में माना कि लाल किले पर झंडा लगाने वाला उन्हीं का पोता है। उन्होंने कहा कि हमारा परिवार बॉर्डर से सटी कंटीले तार के पास खेती करता है। उनके परिवार का कोई भी सदस्य किसी गैर सामाजिक गतिविधि में शामिल नहीं रहा है।
जुगराज के दादा महिल सिंह ने बताया कि परिवार के पास दो एकड़ जमीन है। तीन भैंसें और एक गाय भी है। ट्रैक्टर कई साल से खराब पड़ा है। परिवार पर चार लाख का कर्ज भी है। उसकी दादी गुरचरण कौर ने कहा कि जुगराज गांव के गुरुद्वारों में निशान साहिब पर चोला साहिब चढ़ाने की सेवा करता था। गांव में छह गुरुद्वारा साहिब हैं। यहां पर निशान साहिब पर जब भी चोला साहिब चढ़ाना होता था तो जुगराज सिंह ही यह काम करता था। उसने जोश में आकर दिल्ली के लाल किले पर झंडा चढ़ा दिया होगा।
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