कई बार एैसे मौके पडते हैं जब लोगो को होटल का सहारा लेना ही पडता है। उन्हे जाकर वहां रूकना पडता है भले ही किसी को दो घंटे ही कमरे में क्यों न बिताने हो मगर कमरे का किराया पूरे दिन के अनुसार ही लिया जाता है। ज्यादातर इन होटलों की जबरदस्त कमाई होती है। सीजन में जब लोग शादी करते है और हनीमून मनाने के लिए अन्य शहरों में जाते हैं।
होटल की सर्विस झोंकती है आंख में धूल:
जब आप किसी होटल में पहुंचते है तो चकाचैंध कर देने वाली लाईटें और बडे बडे झूमर आपको ये एहसास दिला देते है कि होटल काफी बडा है और सुरक्षा के साथ साथ अच्छा ही होगा। बस आपकी इसी सोंच का गलत फायदा ये होटल वाले उठा लेते है।
पानी से नहीं धूलते है कांच के गिलास:
बडे होटलों में कांच के गिलासों को धूला नही जाता बल्कि यहां एक पदार्थ के माध्यम से काच के गिलासों को पोंछ दिया जाता है। जब आप होटल में टिप नहीं देते तो एैसे स्थिति में वेटर बाथरूम के पानी से पानी के गिलास तक धो देते है।
चादरों का रखें ख्याल:
अक्सर कमरे में पहुंचने के बाद हमें बेहतरीन बेड देखकर आनंद आ जाता है। मगर असलियत यह है कि उन बेडों चादरों पर न जाने कैसी कैसी हरकते होती है। इसलिए आप चादरों को जरूर बदलवाये। हालांकि वेटर आपकी चादरें बदलता नही है बल्कि दूसरे कमरे से लाकर चादरे आपके सामने बिछा देता है।