उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर बेखौफ बदमाशों का आतंक दिखाई दिया है। पीजीआइ थानाक्षेत्र में बुधवार को प्रॉपर्टी डीलर दुर्गेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि दो स्कॉर्पियों कार से महिला समेत लगभग आधा दर्जन लोग प्रॉपर्टी डीलर से मिलने पहुंचे। इस दौरान रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ। सभी ने दुर्गेश को पीटना शुरू कर दिया। इसी बीच उसे गोली मार दी। उन्हें गंभीर हालात में ट्रामा सेंटर ले जाया गया। जहां उनकी मौत हो गई। पुलिस घटना के पीछे प्रापर्टी विवाद बता रही है। वहीं, हत्याकांड में मुख्य हत्यारोपित मनीष यादव को प्रतापगढ़ सेे गिरफ्तार कर लिया गया है।
ये है पूरा मामला
मामला पीजीआइ थाना क्षेत्र में वृंदावन कालोनी सेक्टर-14 का है। यहां स्थित गृह विभाग में समीक्षा के पद पर तैनात अजय कुमार यादव का मकान है। मूलरूप से गोरखपुर के गोला गांव निवासी प्रापर्टी डीलर दुर्गेश यादव (32) स्विफ्ट कार से मंगलवार रात मकान में किराए पर रहने वाले दोस्तों ने मिलने के लिए आया था। आरोप है कि बुधवार सुबह पलक ठाकुर नाम की महिला अपने साथी मनीष और पांच-छह लोगों के साथ दो स्कॉर्पियों से वहां पहुंच गई। सभी लोग घर में घुस गए, उस समय दुर्गेश बाथरूम में था, जैसे ही वह बाहर निकला उसे पीटने लगे। घर के नीचे सड़क पर रुपये के लेनदेन में इनका आपस में विवाद हो गया। देखते ही देखते मनीष ने दुर्गेश को गोली मारी दी।
किरायेदार ने बताया पूरा घटनाक्रम
किरायेदार सोबेंद्र के मुताबिक, सुबह लगभग 8:30 बजे दो स्कॉर्पियों कार से महिला समेत पांच-छह लोग दुर्गेश को खोजते हुए आए। पहले उसके कमरे में किसी बात पर विवाद हुआ। उसके बाद सब लोग बाहर आ गए। इसी दौरान कहासुनी के बाद एक ने दुर्गेश के पेट में गोली मार दी।
क्या कहती है पुलिस?
एसीपी कैंट बीनू सिंह के मुताबिक, घटना स्थल से दुर्गेश को अस्पताल ले जाते समय उससे पूछताछ की गई तो उसने पलक और मनीष का नाम बताया। दुर्गेश के पेट में गोली लगी थी, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने मौके से एक खोखा बरामद किया है।
मृतक पर दर्ज हैं मुकदमें
डीसीपी चारु निगम के मुताबिक, मृतक दुर्गेश के खिलाफ वर्ष 2018 में हजरतगंज कोतवाली में 406, 420 आइपीसी के तहत मुकदमा भी दर्ज था। सीओ कैंट डॉ. बीनू सिंह ने बताया कि दुर्गेश के कमरे से सचिवालय में नौकरी लगवाने के तमाम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
फर्जी पत्रकार पुलिस को दे रहा था धोखा, मृतक पर दर्ज हैं मुकदमें
डीसीपी चारु निगम के मुताबिक, मृतक दुर्गेश के खिलाफ वर्ष 2018 में हजरतगंज कोतवाली में 406, 420 आइपीसी के तहत मुकदमा भी दर्ज था। मृतक के पास से एक फर्जी आइकार्ड बरामद हुआ है। जिसमें पत्रकार लिखा है। सीओ कैंट डॉ. बीनू सिंह ने बताया कि दुर्गेश के कमरे से सचिवालय में नौकरी लगवाने के तमाम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
मुख्य आरोपित प्रतापगढ़ में गिरफ्तार
हत्याकांड के मुख्य आरोपित मनीष कुमार यादव पुत्र सुशील कुमार को प्रतापगढ़ की नवाबगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। फिरोजाबाद जनपद के मसीरपुर थाना अंतर्गत धनापुर गांव निवासी मनीष कुमार यादव इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकील बताया जाता है। नवाबगंज पुलिस को वायरलेस पर सूचना मिली थी कि मनीष प्रयागराज की तरफ निकला है। ब्रहमौली बॉर्डर पर उसे लगभग 11:00 बजे पकड़ लिया गया। उसके पास से 32 एमएम की पिस्टल और पांच कारतूस की भी बरामदगी हुई है। हत्यारोपित ने पुलिस को बताया है कि दुर्गेश ने खुद को सचिवालय में सचिव बताकर उससे 67 लाख रुपये ले रखा था। इसे वह वापस नहीं लौटा रहा था। उधर, महिला पलक ठाकुर के एक करीबी को पुलिस ने हिरासत में लिया है। महिला की तलाश में दबिश दी जा रही है।