राजधानी लखनऊ की पॉश कॉलोनियों में कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां रहने वाले लगातार संक्रमित निकल रहे हैं। वहीं, इन कॉलोनियों के आसपास बसी मलिन बस्तियों में वायरस का कोई असर नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई मलिन बस्तियों में कराई गई कोरोना की जांच में एक भी पॉजिटिव नहीं मिला है। इस नतीजे से स्वास्थ्य विभाग के अफसर भी हैरान हैं।
19 नवंबर को इंदिरानगर, अलीगंज, फैजुल्लागंज बंधा रोड, गोमतीनगर समेत कई इलाकों की मलिन बस्तियों में सात हजार से अधिक लोगों की जांच कराई गई। इस दौरान बस्तियों में एक भी संक्रमित नहीं निकला। इसे लेकर स्वास्थ्य विभागों के अधिकारियों का कहना है कि मलिन बस्तियों में रहने वालों की इम्युनिटी काफी मजबूत है। ऐेसे में उन पर वायरस का असर नहीं दिखा, जबकि एसी कमरों में रहने वालों की इम्यूनिटी इनसे कमजोर होती है। लिहाजा उन पर वायरस अधिक प्रभाव डाल रहा है।
जिला कांटेक्ट ट्रेसिंग के प्रभारी डॉ. एमके सिंह के मुताबिक, मलिन बस्तियों में कोरोना का ग्राफ अभी तक शून्य है। नवंबर में अलग-अलग बस्तियों में कराई गईं करीब सात हजार से अधिक जांचों में एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है।
स्वास्थ्य विभाग ने दीपावली से पहले फोकस सैंपलिंग करवाई थी। इसमें हुईं 34,186 जांचों में महज 44 पॉजिटिव मिले हैं। इस दौरान ब्यूटी पार्लर, स्टीट वेंडर, दुकानदार, नाई-बिजली की दुकानों समेत अन्य जगहों पर एंटीजेन व आरटीपीसीआर जांच कराई गई थी।
केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन, विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि मलिन बस्तियों में रहने वालों की इम्यूनिटी अधिक मजबूत है। ऐसे में उन पर संक्रमण हावी नहीं हो पा रहा है। पॉश कॉलोनियों में रहने वालों की इम्यूनिटी कमजोर मिली है। इनका सामाजिक मिलना-जुलना भी अधिक देखा गया है। ऐसे में उनमें भी संक्रमण अधिक होने का अंदेशा है।
कोरोना की दूसरी लहर की अंदेशा को लेकर गैर राज्य से आने वाले लोगों की स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कराई है। इसमें एयरपोर्ट, बस स्टैंड, रेलवे स्टैंड, आगरा एक्सप्रेस-वे पर दिल्ली समेत अन्य जगह से आने वाले लोगों की जांच कराई जा रही है।
इसमें 10,097 लोगों की जांच कराई गई, जिसमें 48 पॉजिटिव आए हैं। 5381 लोगों की आरटीपीसीआर जांच में 35 संक्रमित निकले हैं। बाकी 13 पॉजिटिव एंटीजेन जांच में मिले।