कोहरे के दौरान सुचारू रूप से ट्रेनों के संचालन के लिए रेलवे देश भर में 19742 फाॅग सेफ डिवाइस लगा रही है। इसमें से पूर्वोत्तर रेलवे में कुल 1091 फाॅग सेफ डिवाइस लगेंगी। लखनऊ मंडल को 347, वाराणसी मंडल को 476 और इज्जतनगर मंडल को 268 डिवाइस उपलब्ध कराई गई है।
प्रतिवर्ष कोहरे के कारण उत्तर भारत में ट्रेनों का संचलन प्रभावित होता है। इस साल भी दिसंबर के आखिरी सप्ताह से ही दिल्ली से होकर लखनऊ और गोरखपुर आने वाली अधिकांश प्रमुख ट्रेनें देर से चल रहीं हैं। ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे ने 19742 फाॅग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराई है। इस कदम से ट्रेन सेवाओं की विश्वसनीयता में सुधार होने लगा है।
सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि जीपीएस आधारित फाग सेफ डिवाइस सभी प्रकार के सिंगल लाइन, डबल लाइन, विद्युतीकृत और गैर विद्युतीकृत रेल खंडों में सभी प्रकार के विद्युत एवं डीजल इंजनों, ईएमयू/मेमू/डेमू ट्रेनों के लिए उपयुक्त है। घने कोहरे में भी लोको पायलट को यह डिवाइस निर्धारित लैंड मार्क जैसे सिग्नल, समपार फाटक, स्थायी गति अवरोधक, न्यूट्रल सेक्शन की ऑनबोर्ड रियल टाइम इंफार्मेशन उपलब्ध कराता है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा 500 मीटर की दूरी तक आगे आने वाले तीन निर्धारित लैंड मार्क की सूचना वॉयस मैसेज के साथ प्रदर्शित करता है। इस डिवाइस में 18 घंटे के लिए इन-विल्ट रिचार्जेबल बैटरी बैकअप का प्रावधान किया गया है। यह डिवाइस आकार में छोटा और वजन में हल्का व मजबूत है, जिसे लोको पायलट अपनी ड्यूटी शुरू करने पर अपने साथ आसानी से इंजन तक ले जा सकते हैं। इसे इंजन के कैब डेस्क पर आसानी से रखा जा सकता है।
बताया कि यह आधुनिक डिवाइस कोहरे, बारिश या धूप जैसे मौसम से अप्रभावित रहता है, जिससे गाड़ियों की सुरक्षा और संरक्षा बढ़ाई जा सकती है। पूर्वोत्तर रेलवे में कोहरे के कारण दृश्यता कम होती है। इस आधुनिक फाग सेफ डिवाइस की सहायता से गाड़ियों का संचलन सुरक्षित एवं संरक्षित ढंग से किया जा रहा है।
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