भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की हिरासत 27 जून तक बढ़ा दी गई है। गुरुवार लंदन की कोर्ट में यह फैसला लिया गया। मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी। बता दें कि अरबों डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी तथा मनी लांड्रिंग मामले में कोर्ट उसके प्रत्यर्पण का आदेश दे चुकी है लेकिन उसके खिलाफ नीरव मोदी ने अपील दायर कर रखी है।

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई में भारत द्वारा 48 वर्षीय नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले से संबंधित कागजात उपलब्ध कराए गए। यूके की अदालतों में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाली क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने विगत 8 मई को चीफ जज एम्मा आर्बुथनोट को भरोसा दिलाया था कि 30 मई को सुनवाई के दौरान तमाम कागजात पेश किए जाएंगे। पिछली सुनवाई के दौरान वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में मोदी की जमानत याचिका चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा आर्बुथनोट ने खारिज कर दी थी। जमानत लेने का यह उसका तीसरा प्रयास था। तब से वह साउथ वेस्ट लंदन के वांड्सवर्थ जेल में बंद है। नीरव मोदी ने 2015 में निवेशक वीजा का आवेदन दिया था। उस समय धनी व्यक्तियों के लिए तथाकथित गोल्डन वीजा रूट को अपेक्षाकृत रूप से आसान किया गया था। ऐसे लोग न्यूनतम 20 लाख पौंड के निवेश पर ब्रिटेन में रहने का अधिकार हासिल कर सकते थे। स्कॉटलैंड यार्ड अधिकारियों ने सेंट्रल लंदन बैंक ब्रांच से नीरव को गिरफ्तार किया था। वह वहां नया बैंक खाता खोलने के लिए पहुंचा था।
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