एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) के डॉक्टरों के मुकाबले अस्पताल के सफाईकर्मियों के कोरोना संक्रमित (Covid-19 Infection) होने का खतरा ज्यादा रहता है। जर्नल थोरैक्स में प्रकाशित अध्ययन में पता चला है कि सफाईकर्मी, गंभीर रोगों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के साथ-साथ काले, एशियाई और अल्पसंख्यक जातीय (Black, Asian and Minority Ethnic) पृष्ठभूमि वाले लोगों में संक्रमण का जोखिम सबसे अधिक था।

शोधकर्ताओं का मानना है कि इन अंतरों के लिए अलग-अलग तरीके से पहने जाने वाले पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट किट (Personal Protective Equipment) जिम्मेदार हो सकते हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि आगामी सर्दी के मौसम में दूसरे दौर का संक्रमण फैल सकता है।
ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स बर्मिघम एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट (यूएचबीएफटी) से इस अध्ययन के लेखक एलेक्स रिचर ने कहा, ‘हमारा मानना है कि आइसीयू के कर्मचारी सबसे ज्यादा जोखिम में होंगे, लेकिन इन्हें अन्य स्थानों पर काम करने वाले लोगों के मुकाबले बेहतर सुविधा मिल सकती है।’
इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने अस्पताल के स्टाफ के ऐसे लोगों का टेस्ट किया जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं थे। हालांकि पहले इन लोगों के खून में एंटीबॉडी पाई गई थी। 20 घंटों में 545 कर्मचारी भर्ती किए गए। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग सफाई के काम से जुड़े थे उनमें अन्य की अपेक्षा ज्यादा कमजोरी देखी गई।
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