रोते-बिलखते नवाज जा पहुंचे ओबामा के पास; बचा लो!! लेकिन ओबामा के मंत्री बोले…

उरी अटैक के बाद अब पाकिस्तान को अहसास हो रहा है कि उसने कितनी बड़ी गलती की है। वो अमेरिका के सामने गिड़गिड़ा रहा है कि हमारे मुल्क को बचा लो। पाकिस्तान ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में वो शामिल रहा है। शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए उसने पड़ोसी देशों से बात की है। नवाज शरीफ ने अमेरिका को पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के उस वादे की याद दिलाई जिसमें उन्होने कहा था कि वो भारत और पाकिस्तान के बीच समस्याओं के निपटारे में अहम भूमिका निभाएंगे। साफ है कि अब पाकिस्तान को एहसास हो रहा है कि उरी अटैक के जरिए उसने भारत के कक्रोध को जगा दिया है।

रोते-बिलखते नवाज जा पहुंचे ओबामा के पास; बचा लो!! लेकिन ओबामा के मंत्री बोले…

भारत जो अब तक शांति के मार्ग पर चल रहा था उसे भड़का दिया है। भारत को घायल करने वाले आतंकवादी पाकिस्तान की जमीन से अपना नेटवर्क चलाते हैं। नवाज शरीफ को समझ आ रहा है कि घायल शेर कितना खतरनाक होता है। वे पहले से अपने बचाव के लिए अमेरिका के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं। अब इंतजार है हिंदुस्तान के एक्शन का। जिसके बाद पाकिस्तान को पता चलेगा कि उसने इस बार ऐसी गलती की है जिसकी केवल निंदा करने से काम नहीं चलने वाला है।

जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना के कैंप पर हमला पाकिस्तान को भारी पड़़ेगा। ये बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को समझ आ रही है। हिंदुस्तान के सीने को लहुलुहान करने के बाद पाकिस्तान अब घबराया हुआ है। उसे डर सता रहा है। एक बात तो साफ है कि पाकिस्तान को ये अंदेशा हो गया है कि उरी अटैक का असर बहुद दूरगामी होने वाला है। आतंकियों के पास जो हथियार थे उन पर पाकिस्तान की छाप थी। पश्तो भाषा में आतंकियों के पास पूरा प्लान लिखा हुआ था। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने आतंकी हमले की साजिश रची थी। ये आतंकी संगठन पाकिस्तान की जमीन से अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देता है। ये सारी बातें पाकिस्तान के खिलाफ जा सकती हैं। हालांकि पाकिस्तान ककी बेशर्मी को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि वो इन सारे सबूतों को मानने से इंकार कर देगा।
वहीं उरी अटैक के बाद भारत में बैठकों का दौर जारी है। लगातार प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में उरी हमले के खिलाफ कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की जा रही है। भले ही पूरे भारत वर्ष में गुस्सा है, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ रणनीति बेहद सावधानी से और सारे विकल्पों को ध्यान में रखने के बाद बनानी है। सैन्य विकल्प से पहले कूटनीति और राजनीति से पाकिस्तान को दुनिया में अलवग-थलग करना होगा। पाकिस्तान पहले ही परमाणु हमले की धमकी दे चुका है। युद्ध का विकल्प सबसे आखिरी होता है। कूटनीति के जरिए पाकिस्तान को घेरने की शुरूआत हो चुकी है। रूस ने पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास रद्द कर दिया है। रूस, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने आतंक के खिलाफ भारत को मदद का वादा किया है। ये सब तब हो रहा है जब भारत ने कोई कदम नहीं उठाया है।
एक तरह से ये भारत की रणनीति का पहला कदम है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत के ठोस कदम उठाने से पहले ही डर गए हैं। उन्हे लग रहा है कि बिना कुछ किए जब इतने शक्तिशाली देश भारत का पक्ष ले रहे हैं तो जब भारत एक्शन लेगा तो क्या होगा। लिहाजा शरीफ साहब पहले से ही मदद की भीख मांगते दिख रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71सत्र में भाग लेने के लिए अमेरिका की यात्रा पर गए नवाज शरीफ का डर वहां भी दिखाई दिया। सोमवार को उन्होने अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी से अलग से मुलाकात की। डॉन ऑनलाइन के मुताबिक नवाज शरीफ ने जॉन केरी से भारत के साथ मुद्दों को सुलझाने के लिए मदद मांगी है। जॉन केरी के सामने मगरमच्छी आंसुओं के जरिए पाकिस्तान ने कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ नैतिक रूप से लड़ते रहेंगे।

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