मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया। दरअसल, मध्यप्रदेश पुलिस ने यहां तीन साल के एक डॉगी का डीएनए टेस्ट कराया है। यह कदम डॉगी के असली मालिक की पहचान के लिए उठाया गया। जानकारी के मुताबिक, होशंगाबाद जिले में एक लेब्राडोर डॉगी के मालिकाना हक को लेकर दो लोग आमने-सामने आ गए हैं। यहां तक कि वो लोग कानूनी लड़ाई तक लड़ने पर आमाद हैं, जिसके बाद पुलिस ने डॉगी का डीएनए टेस्ट कराया।

दरअसल, होशंगाबाद निवासी शादाब खान ने अगस्त 2020 के दौरान अपने 3 साल के लेब्राडोर कोको के लापता होने देहात थाने में दर्ज कराई थी। 18 नवंबर को उन्हें मालाखेड़ी इलाके में ही कृतिक शिवहरे के घर में अपने डॉगी के होने की जानकारी मिली। शादाब मौके पर पहुंचे और अपने डॉगी पर हक जताने लगे। वहीं, कृतिक ने डॉगी को अपना बताया और उसका नाम टाइगर होने की जानकारी दी। ऐसे में दोनों पक्ष आपस में भिड़ने लगे, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई।
बताया जा रहा है कि मामला नहीं सुलझने पर शादाब थाने पहुंच गए और कुछ तस्वीरों व दस्तावेजों के साथ शिकायत दर्ज कराई। इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता कृतिक भी पुलिस थाने पहुंचे और अपना दावा पेश करने लगे।
पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए डॉगी की मदद लेने का फैसला किया, लेकिन असल मुसीबत उस वक्त आई, जब डॉगी अपने असली मालिक को नहीं पहचान पाया। ऐसे में जब पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी तो डॉगी का डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया गया। इसके बाद डॉगी के ब्लड सैंपल लिए गए। होशंगाबाद देहात के थाना इंचार्ज हेमंत श्रीवास्तव का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद डॉगी असली मालिक को सौंप दिया जाएगा।
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