अमृतसर ट्रेन हादसे में 60 लोग कटकर मर गए और अपने पीछे सवाल छोड़ गए कि आखिर इनकी मौत का जिम्मेदार कौन है? कोई रामलीला के आयोजकों को जिम्मेदार मान रहा है, तो कोई स्थानीय नेताओं और रेलवे पर इल्जाम लगा रहा है। लेकिन हर कोई इस दर्दनाक हादसे से कन्नी काट रहा है। इस बीच हादसे पर रेलवे की सफाई भी समाने आई है। रेलवे ने हाथ खड़ा करते हुए कहा कि उनकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई।
‘रेलवे को जिम्मेदार ठहराना गलत’
हादसे पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा है, ‘इस हादसे के लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराना गलत है। वहां पर दो मैन्ड लेवल क्रॉसिंग है और वो दोनों ही बंद थीं।’ उन्होंने कहा कि यह मेन लाइन है और यहां पर स्पीड के लिए कोई बंधन नहीं है।
‘लोगों को ट्रैक पर नहीं आना चाहिए था’
इतना ही नहीं, लोहानी ने आगे कहा कि रेलवे प्रशासन को मेन लाइन के पास दशहरा उत्सव मनाने की कोई जानकारी नहीं दी गई थी। लोग दशहरा उत्सव रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर देख रहे थे। लोहानी ने कहा कि लोगों को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए था और उन्हें रेलवे ट्रैक पर अतिक्रमण नहीं करना चाहिए।’
रेलवे ने ट्रेन ड्राइवर का किया बचाव
वहीं, इतनी भीड़ होने के बावजूद रेल चालक द्वारा गाड़ी नहीं रोके जाने को लेकर सवाल उठने पर लोहानी ने कहा, ‘वहां काफी धुआं था जिसकी वजह से चालक कुछ भी देखने में असमर्थ था और गाड़ी घुमाव पर भी थी।’ ये भी कहा जा रहा है कि इस हादसे की जांच रेलवे नहीं कराएगा। जानकारी के मुताबिक, रेलवे का कहना है कि यह पूरी तरह से लापरवाही का मामला है। ये दुर्घटना जैसा नहीं है, यह पूरे तौर पर रेलवे ट्रैक पर अतिक्रमण का मामला है।
बढ़ सकता है मृतकों का आंकड़ा
गौरतलब है कि लापरवाही और जिम्मेदारी के सवालों के बीच अमृतसर में अपनों को खोने वालों में घरों में मातम पसरा हुआ है। रोते-बिलखते परिजन अब भी यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि दशहरे ने उनकी जिंदगी में गहरा अंधेरा भर दिया है। इस बीच कहा जा रहा है कि हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।