रेप केस में उम्रकैद की सजा पाए कथावाचक आसाराम ने पहली बार जेल की रोटी खाई है. वह बेहद दुखी और उदास है. किसी से बातें नहीं कर रहा है. जेल प्रशासन का कहना है कि वह खाना पूरी तरह से खा रहा है. गुरुवार की सुबह 5 बजे आसाराम उठ गया था. उठने के बाद रोज की तरह उसने पूजा की, लेकिन उसका मन नहीं लग रहा था.जेल के कर्मचारी नाश्ते में आसाराम के लिए बैरक में चना और गुड़ दे गए थे. बिना कुछ कहे उसने चने और गुड़ खा लिए. इसके बाद आसाराम वापस सो गया. सामान्यत: आसाराम कभी भी सुबह में नहीं सोता था, लेकिन जिस तरह से आज नाश्ता करने के बाद सो गया उसे देखकर जेल अधिकारियों को लगता है कि सजा पाने के बाद रात को जगा होगा.
दिन में भी आसाराम की बैरक में रोटी, लौकी की सब्जी और मोठ का दाल खाने में दिया गया. शाम को 5 बजे जेल की चाय मिली, लेकिन आसाराम चाय नहीं पीता है. शाम को 7 बजे के बाद रात का खाना उसे दिया गया. इसमें रोटी, लौकी की सब्जी और मोठ का दाल दिया गया था. अभी तक हर रोज आसाराम के लिए उसके आश्राम से खाना आता था.
जेल प्रशासन के अनुसार, सजा के ऐलान के बाद शाम को आसाराम का हेल्थ चेकअप किया गया था. वह पूरी तरह से ठीक है. थोड़ी सी घबराहट है, लेकिन सामान्य है. कोर्ट ने उसे सश्रम कारावास की सजा दी है, लेकिन उसकी उम्र और बीमारी को देखते हुए अभी कोई काम उसको नहीं दिया गया है. लाचार किस्म की श्रेणी में रखा गया है.
यदि वह कोई काम करने की इच्छा जताता है, तो पेड़-पौधे के पानी देने और मंदिर में पूजा-पाठ का काम उसके दिए जा सकते हैं. कैदी नंबर 130 आसाराम के कपड़े की नाप नहीं ली गई है. आसाराम ने अधिकारियों से कहा कि जेल में सफेद कपड़ा पहनने के लिए दिया जाता है. वह पहले से ही सफेद कपड़े पहनता है. ऐसे में जेल वर्दी उसे न दिया जाए.
इसके बाद जेल प्रशासन ने टेलर को बुलाने के बाद भी उसका नाप नहीं लिया. आसाराम के लिए कोई अखबार नहीं भेजा गया. सुबह आसाराम को जेल कर्मचारी ने गिनती के आने के लिए कहा था, लेकिन वह नहीं आया था. आसाराम अब तक गुजरात में दर्ज मामलों में जोधपुर सेंट्रल जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होता रहा है.
बताया जा रहा है कि यदि सूरत पुलिस चाहेगी तो उसे वारंट के जरिए गुजरात ले जाया जा सकता है. हालांकि सूरत पुलिस ने अभी तक इसकी मांग नहीं की है. बताते चलें कि आसाराम के ऊपर अहमदाबाद और सूरत में भी मामले चल रहे हैं. आसाराम कल की अपेक्षा आज ज्यादा सामान्य दिख रहा था. सजा पाने के बाद घबराया हुआ, उदास और बेचैन था.